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आगे मशाल और पीछे से चल माई, चल माई के जयघोषों के साथ निकली कांधे वाली काली

तीनबत्ती पर रात 12.45 बजे कांधे वाली काली की एक झलक पाने उमड़े हजारों भक्त सागर. शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती पर रात 12.45 बजे हजारों लोगों की भीड़। चल माई चल माई काली के लगते जयकारे। सैकड़ों की युवाओं की दौड़ती टीम। उसके बाद आगे-आगे चलता जलता पलीता और फिर कहारों के कांधे […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Oct 04, 2025

भैयाजी वैद्य काली का घर-घर रंगोली डालकर द्वार पर हुआ स्वागत

भैयाजी वैद्य काली का घर-घर रंगोली डालकर द्वार पर हुआ स्वागत

तीनबत्ती पर रात 12.45 बजे कांधे वाली काली की एक झलक पाने उमड़े हजारों भक्त

सागर. शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती पर रात 12.45 बजे हजारों लोगों की भीड़। चल माई चल माई काली के लगते जयकारे। सैकड़ों की युवाओं की दौड़ती टीम। उसके बाद आगे-आगे चलता जलता पलीता और फिर कहारों के कांधे पर सवार माता रानी की एक झलक पाने भीड़ का उत्साह दो गुना हो गया। भक्तों द्वारा चल माई काली माई के स्वरों के साथ तेजी से डॉ हरिसिंह गौर प्रतिमा के चक्कर लगाए। कुछ ऐसा ही नजारा था दशहरा चल समारोह में जब पुरव्याऊ टौरी से कांधे वाली काली माई विसर्जन के लिए ले जाई जा रहीं थीं। कांधे वाली काली के प्रति लोगों की श्रद्धा और भक्ति ऐसी दिखी कि इस बार समय अधिक हो जाने बाद भी लोग सडक़ के दोनों ओर कतार में खड़े होकर एक झलक देखने के लिए इंतजार करते रहे। सैकड़ो स्थान पर भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।

घर-घर सजाई भक्तों ने रंगोली

मोहन नगर वार्ड में विराजमान काली जी भैयाजी वैद्य का विजयादशमी पर चल समारोह निकाला गया। भक्तों के कंधों पर पालकी में सवार होकर मातारानी निकली। घर-घर रंगोली बनाकर भक्तों ने स्वागत किया गया। शहर में हजारों स्थानों पर स्वागत किया। माता की झांकी को मोहननगर वार्ड से विसर्जन स्थल चकराघाट तक का 14 किलोमीटर का रूट तय करने में 10 घंटे का समय लगा। बड़ी संख्या में भक्त चल समारोह में शामिल हुए। माता रानी तीन बत्ती पर रात 12 पहुंची। भैया जी वैद्य काली के दर्शनों के लिए भी हजारों की संख्या में भक्त उमड़ पड़े।

आतिशबाजी से आसमान हुआ रोशन

पुरव्याऊ की काली माई के तीनबत्ती पहुंचने पर हजारों भक्त हाथ जोडक़र चल माई काली माई के जयकारे लगा रहे थे। ऊपर से फूलों की बारिश हो रही थी। आतिशबाजी से आसमान जगमग हो गया। माता का दिव्य और अलौकिक दृश्य हर कोई अपने कैमरे में कैद करने में लगा रहा। देर रात माता का विसर्जन चकराघाट पर किया गया।

झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र

लाल कमल काली कमेटी व नीलकमल काली कमेटी और सराफा काली कमेटी की आकर्षक झांकियां निकालीं गईं। झांकियां राधा तिराहा, कटरा, तीनबत्ती, कोतवली, बड़ा बाजार, मोतीनगर चौराहा होते हुए विसर्जन स्थल लेहदरा नाका ले जाई गईं। तीन बत्ती से कटरा तक लगे स्वागत पंडालों में काली कमेटियों के पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। विधायक शैलेंद्र जैन, जिला कांग्रेस, शिवसेना सहित अनेक संगठनों ने पंडाल लगाए थे।

सुरक्षा व्यवस्था में प्रतिमाओं का विसर्जन

लेहदरा नाका स्थित बड़ी नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन किया। दोपहर से शुरू हुआ देवी माओं के विसर्जन का सिलसिला सुबह तक चलता रहा। नदी पर नगर निगम की ओर से क्रेन से प्रतिमा विसर्जन कराया गया। छोटी प्रतिमाओं को नाव से विसर्जित किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे।