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निषिद्ध क्षेत्र बताकर ग्रामीण की निजी जमीन पर हो रहे निर्माण पर हुई थी कार्रवाई और अब कंपनियों ने रिफाइनरी की बाउंड्रीवॉल के बाजू से लगाए प्लांट

बीपीसीएल रिफाइनरी प्रबंधन की दोहरी नीती से ग्रामीणों में आक्रोश, आंदोलन की तैयारी

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Action was taken against construction on private land of a villager, terming it a prohibited area, and now companies have set up plants alongside the refinery boundary wall.

बाउंड्रीवॉल के बाजू से संचालित हो रहा प्लांट

बीना. बीपीसीएल रिफाइनरी प्रबंधन की दोहरी नीती से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। क्योंकि पांच किलोमीटर के नो डेवलपमेंट एरिया में ग्रामीणों को कोई भी निर्माण करने के पहले अनुमति लेनी पड़ती है। साथ ही रिफाइनरी के पास एक किमी के दायरे को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया है, जिसमें कोई निर्माण नहीं हो सकता है। इसके बाद भी रिफाइनरी में कार्य करने आईं कंपनियों ने बाउंड्रीवॉल के पास ही प्लांट लगा लिए हैं, जिसकी अनुमति तक नहीं ली गई है।
कुछ माह पूर्व रिफाइनरी के पास निजी जमीन पर एक व्यक्ति द्वारा निर्माण किया जा रहा था, जिसकी शिकायत मिलने पर रोक लगाने के लिए तहसीलदार टीम के साथ गए थे और काम रुकवाया था। अब इसके थोड़े आगे ही रिफाइनरी की बाउंड्रीवॉल से कुछ मीटर दूर ही कंपनी ने प्लांट लगाया है, जहां मटेरियल तैयार कर रिफाइनरी में चल रहे कार्यों के लिए भेजा जा रहा है। इसके पास ही दूसरी कंपनी का प्लांट भी लगने लगा है, जो कुछ दिनों में शुरू हो जाएगा। रिफाइनरी के पास प्लांट संचालित होने से ग्रामीणों में आक्रोश है कि नियम सिर्फ उनके लिए ही बने हैं, कंपनियां मनमर्जी से कार्य कर रही हैं। यह प्लांट भी नो डेवलपमेंट एरिया के बाहर किए जाना चाहिए, नहीं तो ग्रामीणों को भी निर्माण करने की अनुमति दी जाए। यदि ऐसा नहीं होगा, तो ग्रामीण आंदोलन करने मजबूर होंगे।

क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति का किया गया है गठन
नो डेवलपमेंट एरिया में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्यों को लेकर क्षेत्रीय विकास समिति से अनुमति लेनी पड़ती है। इस समिति में प्रमुख एसडीएम होते हैं और एक सदस्य बीपीसीएल प्रबंधन का होता है। कंपनियों ने समिति से अनुमति लेना भी उचित नहीं समझा है।

अभी तक नहीं ली अनुमति
अभी तक किसी भी कंपनी ने प्लांट लगाने की अनुमति नहीं ली है। क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति की बैठक होना है, उसमें निर्णय लिया जाएगा।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना

सीधी बात
अजय शर्मा, एचआर, बीपीसीएल रिफाइनरी, बीना
सवाल-रिफाइनरी का नो डेवलमेंट एरिया कितना है?
जवाब- कलेक्टर के 2009 के आदेशानुसार पांच किमी का क्षेत्र नो डेवलपमेंट एरिया घोषित किया गया है। साथ ही एक किमी का एरिया निषिद्ध क्षेत्र है, जहां कोई निर्माण नहीं हो सकता है।
सवाल-निषिद्ध क्षेत्र में कंपनियों ने प्लांट लगाए हैं, अनुमति ली है क्या?
जवाब-किसी भी कंपनी ने प्रबंधन को पत्र लिखकर अनुमति नहीं मांगी है और न ही कोई अनुमति नहीं दी है, प्रशासन से अनुमति ली हो, तो पता नहीं है। इसके लिए क्षेत्रीय विकास नियंत्रण समिति बनी है, जिसकी जल्द बैठक होनी है।
सवाल-क्या प्रबंधन ने प्लांट लगाने वाली कंपिनयों के खिलाफ कार्रवाई करने प्रशासन से शिकायत की है?
जवाब- बीपीसीएल प्रबंधन ने कोई शिकायत नहीं की है, इसमें कार्रवाई प्रशासन को ही करना है और समिति निर्णय लेती है।