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आंगनबाड़ी में ताले, कहीं बच्चे नहीं आ रहे, शहर भर की आंगनबाड़ियों में मेन्यू अनुसार नहीं दिया जा रहा पोषण

ठेकेदारों को खाने का पूरा भुगतान की बात आ रही सामने सागर. शहर भर में संचालित हो रहीं आंगनबाड़ियों में बच्चों-प्रसूताओं के पोषण को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। बच्चों को समय पर नाश्ता व खाना नहीं पहुंचाया जा रहा है। खाना पहुंचता भी है तो गुणवत्ता नहीं होती। मेन्यू अनुसार खाना देने की […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Dec 03, 2025

ठेकेदारों को खाने का पूरा भुगतान की बात आ रही सामने

सागर. शहर भर में संचालित हो रहीं आंगनबाड़ियों में बच्चों-प्रसूताओं के पोषण को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। बच्चों को समय पर नाश्ता व खाना नहीं पहुंचाया जा रहा है। खाना पहुंचता भी है तो गुणवत्ता नहीं होती। मेन्यू अनुसार खाना देने की स्थिति यह है कि कई आंगनबाड़ी में पोषण का साप्ताहिक चार्ट ही गायब है। सोमवार को जब पत्रिका की टीम ने शहर के विभिन्न वार्डों में आंगनबाड़ियों की मौजूदा स्थिति देखी तो लापरवाही साफ नजर आई। जहां कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर दोपहर 12 बजे तक नाश्ता नहीं पहुंचा, तो दोपहर का खाना सवा बजे के बाद पहुंचा। कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटके रहे। आंगनबाड़ी केंद्रों में नाम मात्र के बच्चे थे। पता चला कि आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार का ठेका लेने वाले लोग बच्चों-महिलाओं के आहार पर डाका डाल रहे हैं।

ऐसे मिले हालात

- रविशंकर वार्ड आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 72 में 4 से 6 साल तक के 55, 6 माह से 3 साल तक के 45 बच्चे दर्ज हैं। लेकिन सुबह 11 बजे 10 बच्चे ही आंगनबाड़ी में मिले। केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि दोपहर 1 बजे के बाद ही खाना आता है। सुबह बच्चों को खिचड़ी दी गई थी। हैरानी की बात यह है कि सोमवार को नास्ता में मेन्यू में लप्सी देने का उल्लेख था।
- रविशंकर वार्ड के ही आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक- 73 में 40 बच्चे और 20 गर्भवती दर्ज हैं। जबकि सुबह 11.30 तक आंगनबाड़ी में मात्र 4 बच्चे ही थे। बच्चों को उस समय तक नाश्ता नहीं दिया गया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि अभी एसआइआर सर्व चल रहा है इसलिए बच्चे नहीं आ रहे।
- मधुकरशाह वार्ड की आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक- 10 में 26 बच्चे और 40 गर्भवती महिलाएं दर्ज हैं। 12.30 बजे 4 बच्चे ही खाना खाते मिले। बच्चों के दाल-रोटी और सब्जी दी गई थी, लेकिन गुणवत्ता ठीक नहीं थी। बच्चों को यहां नाश्ता नहीं दिया गया।
- डॉ. हरिसिंह गौर वार्ड स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-1 में 100 के लगभग बच्चे दर्ज हैं। सुबह दोपहर करीब 12 बजे मात्र 10-12 बच्चे ही थे। कुछ महिलाएं भी आंगनबाड़ी केंद्र में थीं। बच्चों को दाल-सब्जी और रोटी दी गई थी। केंद्र में मेन्यू का चार्ट भी टंगा था।
-सिविल लाइन वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक- 7 में 120 दर्ज हैं। सुबह 11 बजे मात्र 5 बच्चे खेल रहे थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रीति प्रजापति ने बताया कि खाना 12 बजे आता है। केंद्र में खाने का कोई मेन्यू नहीं था। नाश्ता नहीं दिया गया।
- वृंदावन वार्ड के अहमद नगर आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-22 सुबह से दोपहर तक बंद मिली। स्थानीय लोगों ने कहा कि अभी आंगनबाड़ी केंद्र बंद चल रहा है।
-गोपालगंज वार्ड के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-17 सुबह 11 बजे तक बंद मिला। स्थानीय लोगों ने कहा कि कुछ दिन से आंगनबाड़ी केंद्र के यही हाल हैं। कभी-कभी खुलता है।

केंद्रों पर 10 से 12 प्रतिशत बच्चे ही पहुंच रहे, भुगतान लगभग पूरा

नाम न छापने की शर्त पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि हमारे यहां प्रतिदिन की संख्या दर्ज रहती है। खाना सप्लाई करने वाले अधिकांशत: ज्यादा बच्चों की उपस्थिति बताकर भुगतान ले रहे हैं। खाना की गुणवत्ता भी ठीक नहीं आ रही है। जब हम लोग शिकायत करते हैं तो उल्टा हम लोगों को ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि शहर के लगभग सभी 200 केंद्रों पर जब से ठंड का मौसम शुरु हुआ है, तब से 10 से 12 प्रतिशत बच्चे ही आ रहे हैं, जबकि इस नवंबर के बिल का भुगतान ज्यादा से ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है।

यह है खाने का साप्ताहिक मेन्यू

दिन सुबह का नाश्ता खाना प्रोटीन
सोमवार मीठी लप्सी रोटी, दाल, सब्जी 15-20 ग्राम
मंगलवार पौष्टिक खिचड़ी खीर, सब्जी रोटी 15-20 ग्राम
बुधवार मीठी लप्सी रोटी, दाल, हरी सब्जी 15-20 ग्राम
गुरुवार नमकीन दलिया बेज पुलाव, पकोड़ा कड़ी 15-20 ग्राम
शुक्रवार उपमा रोटी, दाल, सब्जी 15-20 ग्राम
शनिवार मीठी लप्सी रोटी, सांबर, चावल 15-20 ग्राम

गर्भवती और कुपोषित बच्चों की जिम्मेदारी भी होती है

- आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित बच्चों के लिए थर्ड मील में मुरमुरा, मूंगफली, भुना चना, 20-25 ग्राम प्रोटीन व कैलोरी देने का नियम है।
-प्रति मंगलवार गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए 18-20 ग्राम प्रोटीन व कैलोरी युक्त खाना देने का प्रावधान है।

जांच कर कार्रवाई करेंगे

केंद्र बंद हैं, समय पर नाश्ता व खाना नहीं पहुंच रहा है, इस मामले की जांच करेंगे। जिस भी एजेंसी की गड़बड़ी या लापरवाही सामने आएगी, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- भरत सिंह राजपूत, डीपीओ, महिला बाल विकास