
उपायुक्त को आमंत्रण पत्र लेकर भेजा, मंच से कई बार की उद्घोषणा
सागर. पीटीसी मैदान पर नगर निगम के रावण दहन कार्यक्रम में मंच पर बैर-बुराई देखने को मिली। यहां अपने अपमान से आहत महापौर संगीता तिवारी नहीं पहुंचीं। हालांकि आमंत्रण कार्ड में उनके नाम को प्रोटोकॉल के हिसाब से सुधारकर दूसरा छपवाया गया था, जिसे लेकर उपायुक्त खुद महापौर निवास पहुंचे। रावण दहन से पहले मंच से कई बार महापौर के कुछ ही देर में आने की उद्घोषणा की जाती रही, लेकिन जैसा कि महापौर ने एक दिन पहले कहा था, वे कार्यक्रम में शामिल नही हुईं। इस दौरान उनकी टीम मेयर इन काउंसिल (एमआइसी) के 10 में से 3 सदस्य ही उपिस्थत रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत से ही मंच संचालक आयोजन में शामिल होने वाले मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर के पधारने की सूचना देते रहे। महापौर छोड़कर जब सभी अतिथि आ गए तभी संचालक कई बार कहते रहे कि शहर प्रथम नागरिक आयोजन में शामिल होने आ रहीं हैं। हालांकि रावण दहन के निर्धारित समय बाद भी महापौर नहीं पहुंची।
बीते दिन रावण दहन कार्यक्रम के आमंत्रण कार्ड में महापौर के पहले भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम प्रिंट से यह विवाद उपजा था। महापौर ने इसे प्रोट्रोकॉल का उल्लंघन बताकर आरोप लगाया था कि निगमायुक्त राजकुमार खत्री किसी के इशारे पर उनका लगातार अपमान कर रहे हैं। बीते दिनों पद्माकर सभागार में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जानबूझकर उनसे सीएम डॉ. मोहन यादव का स्वागत नहीं कराया गया। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के हितग्राहियों के चेक वितरण कार्यक्रम में उन्हें 40 मिनट तक इंतजार कराया। वोकल फॉर लोकल मेला में वहां न तो निगमायुक्त स्वयं आए और न ही निगम के किसी अधिकारी को आने दिया गया।
-निगमायुक्त द्वारा लगातार अपमानित किए जाने से मैंने कार्यक्रम से दूरी बनाई। गुरुवार को मेरे पास कोई कॉल नहीं आया। उपायुक्त कार्ड लेकर आए थे, जो की हमारे पास पहले से था। कार्यक्रम में शामिल न होने की जानकारी पहले ही दे दी थी। एमआइसी सदस्यों को कार्यक्रम में शामिल होने न होने को लेकर किसी से कोई चर्चा नहीं हुई।
- संगीता तिवारी, महापौर
नगर निगम और कार्यक्रमों में महापौर संगीता तिवारी के अपमान के मामले में अब कांग्रेस भी मैदान में कूद पड़ी है। कांग्रेस जिला शहर अध्यक्ष महेश जाटव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा से महिलाओं का अपमान करती रही है। महापौर शहर की प्रथम नागरिक हैं, किसी भी कार्यक्रम व आयोजन में उनका पहला अधिकार है लेकिन उनकी जगह भाजपा के अन्य नेता व पदाधिकारी को प्राथमिकता देकर उनका अपमान किया जा रहा है। महापौर के अधिकारों का हनन हो रहा है, किसी भी तरह से उनका अधिकार छीना नहीं जाना चाहिए। महिला का सम्मान इस देश की संस्कृति में हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। अगर महापौर का लगातार अपमान हो रहा है, तो महापौर भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देकर अन्य दलों में या सोशल वर्कर के रूप में कार्य कर सकती हैं। निगमायुक्त राजकुमार खत्री तो केवल एक मोहरा हैं। उनके पीछे बड़े नेता हैं, जो लगातार महापौर को प्रताडि़त और लज्जित करने का कार्य कर रहे हैं। सागर में ऐसी परिपाटी पहले कभी नहीं देखी गई।
Published on:
04 Oct 2025 01:02 am
बड़ी खबरें
View Allसागर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग

