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सरकार यह अंतर भी करो पूरा: एक एकड़ में पंद्रह हजार की लागत, सोयाबीन निकल रहा आठ हजार का

बोवनी के बाद से हुई लगातार बारिश, घटा उत्पादन, आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान

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Government should also make up this difference: One acre costs fifteen thousand, soybean is being produced for eight thousand rupees

फसल की थ्रेसिंग करते हुए किसान

बीना. खरीफ फसलों की बोवनी के समय से ही लगातार हुई बारिश का असर उत्पादन पर पड़ा है और लागत भी नहीं निकल रही है। किसान पिछले कई दिनों से राहत राशि देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है। उत्पादन न के बराबर होने से किसानों पर आर्थिक संकट आ गया है और रबी सीजन की बोवनी के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। सरकार ने भावांतर की तो घोषणा कर दी, लेकिन फसलें खराब होने से हुए नुकसान को लेकर अभी तक कोई घोषणा नहीं हुई है।
बोवनी के समय हुई बारिश के कारण सोयाबीन, उड़द का सही तरीके से अंकुरित नहीं हुआ थे और कई किसानों ने दो बार लागत लगाकर बोवनी की थी। इसके बाद भी लगातार बारिश होने से फसल छोटी रह गई थीं और फलियां गिनीचुनी लगी होने से उत्पादन न के बराबर निकल रहा है। किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। रबी फसल की बोवनी हो सके, इसके लिए किसान बीमा राशि और राहत राशि की मांग उठा रहे हैं। इस वर्ष करीब 38 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन और 8 हजार हैक्टेयर में उड़द की बोवनी हुई थी।

तीन एकड़ में निकला तीन क्विंटल सोयाबीन
किसान कुलवंत सिंह ने तीन एकड़ में सोयाबीन की बोवनी की थी और मौसम की मार से उत्पादन सिर्फ तीन क्विंटल हुआ है। बारिश के कारण दाना भी खराब हो गया है, जिससे मंडी में दाम भी कम मिलेगी। जबकि एक एकड़ में करीब 15 हजार रुपए की लागत आई थी।

नौ क्विंटल निकला सोयाबीन
किसान सुमेर सिंह ने बताया कि उन्होंने चार एकड़ में सोयाबीन की बोवनी की थी और उत्पादन करीब नौ क्विंटल हुआ है। यदि मौसम की मार नहीं पड़ती, तो 32 क्विंटल सोयाबीन निकलता। सरकार को जल्द से जल्द बीमा और राहत राशि देनी चाहिए, जिससे किसान रबी सीजन की बोवनी कर सकें।

1 करोड़ 56 लाख कटी है प्रीमियम राशि
ब्लॉक में सोयाबीन और उड़द की बीमा प्रीमियम राशि 1 करोड़ 56 लाख रुपए काटी गई है, जिसमें कुल 31 हजार 123 किसान शामिल हैं। साथ ही 21 हजार 484 हैक्टेयर रकबा है। बीमा कंपनी की जीटी रिपोर्ट और राजस्व व कृषि विभाग की क्रॉप कटिंग रिपोर्ट के आधार पर बीमा राशि मिलेगी।

उड़द की फसल पहले ही हो चुकी है नष्ट
बारिश के कारण उड़द की फसल पहले ही खराब हो चुकी है और कई किसानों ने फसल की बखरनी भी कर दी थी। किसान जंडेल सिंह ने करीब ढाई एकड़ में उड़द की बोवनी की थी, जिसमें 35 किलो ग्राम उड़द निकला है।

चल रही है क्रॉप कटिंग
राजस्व विभाग, कृषि विभाग द्वारा क्रॉप कटिंग की जा रही है। क्रॉप कटिंग के आधार पर राहत राशि, बीमा राशि निर्धारित होगी। किसानों के अनुसार एक एकड़ में एक क्विंटल से लेकर अधिकतम पांच क्विंटल तक सोयाबीन का उत्पादन निकल रहा है।
अवधेश राय, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, बीना