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सुगंध दशमी पर श्रीजी के चरणों में धूप अर्पित, महिलाओं ने रखा व्रत

पयुर्षण पर्व पर भाद्रपद शुक्ल दशमी को दिगंबर जैन समाज में सुगंध दशमी का पर्व मनाया। जैन धर्मावलंबी ने इस दिन सभी जैन मंदिरों में जाकर श्रीजी के चरणों में धूप अर्पित की।

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सागर

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Reshu Jain

Sep 03, 2025

dashmi

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सागर . पयुर्षण पर्व पर भाद्रपद शुक्ल दशमी को दिगंबर जैन समाज में सुगंध दशमी का पर्व मनाया। जैन धर्मावलंबी ने इस दिन सभी जैन मंदिरों में जाकर श्रीजी के चरणों में धूप अर्पित की। इससे वायुमंडल सुगंधित व स्वच्छ हो गया। धूप की सुगंध से जिनालय महक उठे। भगतसिंह वार्ड स्थित मुनिसुव्रतनाथ जिनालय में चमेली जैन ने बताया कि सुगंध दशमी व्रत का दिगंबर जैन धर्म में काफी महत्व है। महिलाएं हर वर्ष इस व्रत को करती हैं। धार्मिक व्रत को विधिपूर्वक करने से मनुष्य के सारे अशुभ कर्मों का क्षय होकर पुण्य की प्राप्ति होती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही सांसारिक दृष्टि से उत्तम शरीर प्राप्त होना भी इस व्रत का फल बताया गया है। सुगंध दशमी के दिन हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह इन पांच पापों के त्याग रूप व्रत को धारण करते हुए चारों प्रकार के आहार का त्याग, मंदिर में जाकर भगवान की पूजा, स्वाध्याय, धर्मचिंतन-श्रवण, सामयिक आदि में अपना समय व्यतीत करने का महत्व है। इस दिन जैन धर्मावलंबी अपनी-अपनी श्रद्धानुसार कई मंदिरों में जाकर अपने शीश नवाकर सुंगध दशमी का पर्व उत्साह से मनाते हैं।