Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पटरी पर उतरने के लिए मजबूर यात्री, जल्दबाजी में गिरकर घायल हो जाते हैं

ट्रेनों के लिए छोटे पड़ रहे प्लेटफॉर्म, नहीं किया जा रहा विस्तार, हो सकता है बड़ा हादसा

less than 1 minute read
Google source verification
Passengers forced to get on the tracks, fall and get injured in their haste

प्लेटफॉर्म खत्म होने के बाद रैंप पर पहुंचे कोच में सवार होते यात्री

बीना. रेलवे स्टेशन पर आने वाली कुछ ट्रेनों के कोच प्लेटफॉर्म से बाहर खड़े होते हैं, क्योंकि वर्तमान में चलने वाली 22 से 26 कोच की ट्रेन के कोच प्लेटफॉर्म के बाहर खड़े होते हैं, जिसके कारण यात्रियों को परेशान होना पड़ता है।

दरअसल जंक्शन पर प्लेटफॉर्म का निर्माण कई साल पहले कराया गया था, उस समय सीमित कोच के साथ ट्रेनों का संचालन किया जाता था, लेकिन अब 22 से 26 कोच तक की ट्रेन चलती है जो चार व पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर आकर खड़ी होती हैं, तो कुछ कोच प्लेटफॉर्म के बाहर हो जाते हंै। जिसके कारण यात्रियों को चढऩे-उतरने में परेशानी होती है। इस दौरान यदि किसी से जरा सी भी चूक हो जाए, तो गिरने से उसकी जान भी जा सकती है। इस दौरान यात्रियों को यह अंदाजा लगाना पड़ता है कि ट्रेन आगे निकलेगी या प्लेटफॉर्म पर खड़ी होगी उसके हिसाब से वह उतरने के लिए तैयार होते हैं। यहां झेलम एक्सप्रेस, पंजाबमेल एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सहित अन्य लंबी ट्रेनें आती हैं, तो इंजन से जुड़े दो से तीन कोच प्लेटफॉर्म को पार कर जाते हैं।

बुजुर्गों व महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी

चार नंबर प्लेटफॉर्म कई ट्रेनों की दो से तीन बोगियां प्लेटफॉर्म से बाहर निकल जाती हैं। इससे यात्रियों को ट्रेन में चढऩे व उतरने में परेशानियां होती है। इस दौरान नीचे उतरने में बुजुर्ग व महिलाओं को काफी परेशान होना पड़ता है। जो बामुश्किल ही ट्रेन से नीचे उतर पाते हैं।

दिव्यांग कोच भी आता है यहां पर

इसी जगह पर दिव्यांग कोच भी आकर खड़े होते है। जिन्हें उतरने के लिए दूसरे लोगों का सहारा लेना पड़ता है। जिससे हादसे का डर बना रहता है, यदि यहां पर प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ा दी जाए, तो इन सभी यात्रियों को सुविधा होगी।