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आचार्य विद्यासागर विश्व के अनमोल हीरा थे : विमल सागर
सागर . आचार्य श्री विश्व के अनमोल हीरा थे। उनकी बराबरी इस संसार में संभव नहीं है भले कोई शिष्य कितना ऊंचा चला जाए प्रभावना भले नहीं हो लेकिन अप्रभावना नहीं होना चाहिए। जो गुरु की आज्ञा में चलता है वही सच्चा शिष्य माना जाता है। यह बात मुनि विमल सागर महाराज ने आचार्य के अवतरण दिवस के अवसर पर मंगलवार को विद्योदय जैन तीर्थ क्षेत्र में कही। उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा को गुरुदेव ने अमर कर दिया भारत में जन्म लेकर अपने जीवन को पूर्ण रूप से संयमित बना लिया। उनकी चर्या अद्भुत थी उनका रूप अलौकिक था गुरुदेव सब कुछ देकर के गए हैं और उनकी कृपा से ही हम सभी आगे बढ़ रहे हैं उनकी स्मृति में इतना भव्य विधान हुआ है। जिसकी चर्चा पूरे भारत में समाज में है सागर में वातावरण ऐसा था किससे कहें की बड़ा विधान होना चाहिए, लेकिन ब्रह्मचारी धीरज भैया ने 720 समोशरण विधान का सुझाव दिया और सागर की जनता ने सर आंखों पर लेकर के तन मन धन से और पूरे समर्पण से इस विधान को पूर्ण कर दिया। मुनि ने कहा एकता में दम होती है अलग-अलग चलकर किसी काम को करने में बहुत परेशानी होती है। उन्होंने कहा की आचार्य के घर से निकलने के बाद उनका पूरा परिवार संयम के पथ पर चल रहा है। आचार्यश्री जो ठान लेते थे वह करके दिखाते थे ऐसा उनके परिवार जनों ने दीक्षा के पहले उनके गुरु आचार्य ज्ञान सागर महाराज को बताया था। अंतिम समय में आचार्यश्री ने अपने शिष्यों से कहा था कि मेरी समाधि की चर्चा बाहर नहीं करना नहीं तो समाधि बिगड़ जाएगी। 2.30 बजे रात में गुरुदेव की समाधि हुई और 12 बजे 50000 से ज्यादा श्रावक डोंगरगढ़ पहुंच गए यदि लोगों को पहले जानकारी हो जाती तो लाखों लोग वहां पहुंच सकते थे।
भाग्योदय में होंगे प्रवचनमुकेश जैन ढाना ने बताया कि अवतरण दिवस पर जगह-जगह खीर वितरित की गई। 8 अक्टूबर से मुनि संघ दीपावली तक भाग्योदय तीर्थ में विराजमान रहेगा और वहीं पर सुबह 7 बजे और 8.30 बजे से दो अलग-अलग कक्षाएं श्रावकों की लगेगी। आहारचर्या भाग्योदय तीर्थ में ही संपन्न होगी। आचार्यश्री की महापूजन में चौधरी बाई मंदिर महिला मंडल, अतिवीर महिला मंडल, वर्णी कॉलोनी महिला मंडल, भाग्योदय महिला मंडल, मैत्री महिला मंडल रामपुरा, गुरुसेवा बहु मंडल, जैन मिलन महिला मंडल सुभाष नगर, चंदन शाखा गोपालगंज, पार्श्व प्रगति महिला मंडल कटरा ने ड्रेस कोड में द्रव्य चढ़ाईं। सभी साधिकाओं को आचार्यश्री के चरण चिन्ह भेंट किए गए।
Published on:
08 Oct 2025 12:07 pm
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