Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो साल से धूल खा रही सोनोग्राफी मशीन, स्त्री रोग विशेषज्ञ की ट्रेनिंग का इंतजार

महिलाओं को रुपए खर्च कर निजी लैब में करानी पड़ रही जांच, जिम्मेदार अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

less than 1 minute read
Google source verification
Sonography machine gathering dust for two years, waiting for training of gynecologist

सोनेग्राफी कक्ष में डला रहता है ताला

बीना. सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन आए हुए दो साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी सोनोग्राफी नहीं हो पाई है। इस बीच कभी स्त्री रोग विशेषज्ञ न होने और अब विशेषज्ञ हैं, लेकिन ट्रेनिंग का इंतजार है, जिससे मशीन चालू नहीं हो पा रही है। गर्भवती महिलाओं सहित अन्य मरीज निजी लैब पर जाकर जांच कराने मजबूर हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 25 लाख रुपए की लागत से आई सोनोग्राफी मशीन से एक भी जांच न होने से मशीन धूल खा रही है। शुरुआत में स्त्री रोग विशेषज्ञ का निधन होने के बाद यह पद खाली रहा और अब स्त्री रोग विशेषज्ञ का पद भरने के बाद भी जांच नहीं की जा रही है। क्योंकि अभी तक ट्रेनिंग नहीं हो पाई है। अस्पताल की मशीन बंद होने के कारण गर्भवती महिलाओं को बाजार से हजारों रुपए खर्च कर जांच करानी पड़ती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जल्द ही स्त्री रोग विशेषज्ञ की ट्रेनिंग कराने की बात कह रहे हैं। वहीं, मशीन बंद होने से उसमें खराबी भी आ रही है। जिस जगह मशीन रखी है वहां चूहे भी पहुंच जाते हैं।

हर माह 200 से ज्यादा होते हैं प्रसव
अस्पताल में हर माह करीब 200 प्रसव कराए जाते हैं। क्योंकि प्रत्येक महिला को गर्भावस्था के दौरान कम से कम दो बार सोनोग्राफी जांच करानी पड़ती है, इसमें करीब दो हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। महिलाओं की परेशानी को देखते हुए सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, लेकिन मशीन बंद होने से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

ट्रेनिंग को भेज चुके हैं प्रस्ताव
स्त्री रोग विशेषज्ञ को ट्रेनिंग कराने का प्रस्ताव भेजा चुका है। आदेश आते ही ट्रेनिंग करा दी जाएगी, जिससे जांच शुरू हो सके।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ