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डिफाल्टरों के 30 करोड़ माफ करने की तैयारी में जुटा निगम, ईमानदार करदाता के 50 रुपए भी नहीं छोड़ेगा

प्रस्ताव भेजा… जल कर के बकाया पर 50 प्रतिशत छूट देने सरकार से मांगी अनुमति सागर. नगर निगम प्रशासन के कई फैसले हैरान करने वाले होते हैं। ऐसा ही एक फैसला अब जलकर को लेकर है। जलकर का 66 करोड़ रुपए बकाया है, जिसपर संबंधित एजेंसी, फर्म और व्यक्ति को 50 प्रतिशत टैक्स छूट प्रदान […]

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सागर

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Nitin Sadaphal

Oct 04, 2025

प्रस्ताव भेजा... जल कर के बकाया पर 50 प्रतिशत छूट देने सरकार से मांगी अनुमति

सागर. नगर निगम प्रशासन के कई फैसले हैरान करने वाले होते हैं। ऐसा ही एक फैसला अब जलकर को लेकर है। जलकर का 66 करोड़ रुपए बकाया है, जिसपर संबंधित एजेंसी, फर्म और व्यक्ति को 50 प्रतिशत टैक्स छूट प्रदान की जाएगी। बकायादारों (डिफाल्टर) का आधा टैक्स माफ करने का प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन की अनुमति के लिए भेजा गया है, जबकि दूसरी तरफ जो नागरिक ईमानदारी से अपना जलकर चुकाते आ रहे हैं, उनपर वसूली की तलवार लटकने वाली है। हालांकि यह वसूली मामूली है। हाल में जलकर पर 50 रुपए प्रतिमाह की बढ़ोतरी की गई है, इसके हिसाब से अग्रिम भुगतान करने वाले नागरिकों से यह बढ़ी हुई राशि वसूल की जाएगी। कर वृदि्ध के आधार पर बीते छह माह की राशि वसूल की जाना है।

3500 उपभोक्ता एडवांस में जमा करते हैं जलकर

परिषद की बैठक में नगर निगम ने जलकर पर 50 रुपए बढ़ाए हैं और यह बढ़ी हुई राशि अक्टूबर से वसूलना शुरू हो जाएगी। शहर के करीब 3300-3500 उपभोक्ता हैं जो एकसाथ 12 माह की राशि जमा कर देते हैं। उन्हें उम्मीद थी कि इस वित्तीय वर्ष में उनका जलकर चुकता है और बचे हुए 6 माह की बढ़ी हुई राशि प्रत्येक कनेक्शन पर 600 रुपए उनसे नहीं लिए जाएंगे।वहीं निगम इन पर भी वसूली निकालने की बात कह रहा है।

डिफाल्टरों को मिलेगी एक माह की मोहलत

निगमायुक्त राजकुमार खत्री ने बताया कि शहर में जलकर की बड़ी राशि बकाया है। राजस्व न मिलने से स्थितियां बिगड़ रहीं हैं। 66 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कई नोटिस दिए गए। कुर्की की चेतावनी दी गई। अब एक अंतिम प्रयास इंदौर नगर निगम की तर्ज पर 50 प्रतिशत ऑफर देने का कर रहे हैं। प्रपोजल में डिफाल्टरों को 1 माह का समय दिया जाएगा कि वह जलकर और अधिभार मिलाकर कुल राशि का आधा जमा कर सकेंगे और आधी राशि माफ हो जाएगी। इसके लिए प्रपोजल भोपाल भेजा जा चुका है और मंजूरी का इंतजार हो रहा है।

डिफाल्टरों की वजह से ही बढ़ी है राशि

शहर में 33500 नल कनेक्शन में से 70 प्रतिशत ही जल कर दे रहे हैं। 30 प्रतिशत जलकर भरते ही नही हैं। टाटा के 67000 नए कनेक्शन से वसूली शुरू नहीं हुई। राजस्व अमला बड़े अफसरों को बिल नहीं बांट रहा। इधर व्यवसायिक व घरेलू नल कनेक्शन में भी निगमकर्मी खेल कर रहे हैं। 14000 से अधिक व्यवसायिक संपत्तियां और मात्र 125 के ही वैध कनेक्शन हैं। क्योंकि घरेलू कनेक्शन में कम चार्ज लगता है। पेयजल सप्लाई पर निगम का 1.50 करोड़ हर माह खर्च है। आय 50 लाख भी नहीं हो रही है। ऐसे में निगम ने राशि बढ़ाकर 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं पर ही बोझ डाल दिया है।

-बकाएदारों के लिए 50 प्रतिशत ऑफर देने का प्रपोजल बनाया गया है, जो मंजूरी के लिए भोपाल भेजा है। डिफाल्टर उपभोक्ताओं के लिए यह अंतिम अवसर मात्र 1 माह के लिए होगा। इसके बाद भी यदि वह जलकर नहीं देते हैं तो तत्काल कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
राजकुमार खत्री, निगमायुक्त।