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स्वास्थ्य विभाग ने नहीं दिया ध्यान और लगातार बढ़ते रहे मरीज, अभी भी बरती जा रही लापरवाही

एक परिवार में ही बीस सदस्य हैं बीमार, गांव में नहीं लगाया गया स्वास्थ्य शिविर, न की जांच, रिफाइनरी का है गोद गांव

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The health department did not pay attention and the number of patients continued to rise, negligence is still being shown.

मलेरिया विभाग ने घरों के अंदर बर्तनों में जमा पानी कराया खाली

बीना. आगासौद गांव में डेंगू के मरीज लगातार निकल रहे हैं, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नजर नहीं आ रहा है। मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां स्वास्थ्य शिविर लगाने की जरूरत हैं, लेकिन अभी सिर्फ यहां कुछ घरों में दवाओं का छिडक़ाव हुआ है और लार्वा सर्वे किया गया है। साथ ही एनएस-1 की किट में रिपोर्ट पॉजीटिव है, लेकिन इसे सही नहीं माना जाता है। इसके बाद भी एलाइजा जांच के लिए एक भी सैम्पल नहीं लिया गया है।
पत्रिका टीम ने रविवार को गांव पहुंचकर बीमारों के परिजनों से चर्चा की। गांव के सनमत ङ्क्षसह ने बताया कि वह सिर दर्द और बुखार से पीडि़त हैं। साथ ही डॉक्टर ने डेंगू की लक्षण बताए हैं। साथ ही पूरे परिवार के करीब बीस सदस्य बीमार हैं, लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा ध्यान नहीं जा रहा है। परिवार के कुछ सदस्य रिफाइनरी अस्पताल में भर्ती भी हुए हैं। इसी तरह दिनेश नामदेव ने बताया कि उनकी मां भर्ती हैं और उन्हें भी डेंगू की लक्षण हैं। उनके यहां स्वास्थ्य विभाग की कोई टीम लार्वा सर्वे या दवा का छिडक़ाव करने नहीं पहुंची है। हेमलता चौरसिया ने बताया कि उनका बेटा योगेन्द्र चौरसिया रिफाइनरी अस्पताल में भर्ती है और बेटी अमृता चौरसिया को भी लक्षण थे, जो इलाज के बाद स्वस्थ है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में सिर दर्द, बुखार के मरीज ज्यादा हैं। स्वास्थ्य विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

एलाइजा टेस्ट कराने में कर रहे देरी
एनएस-1 किट से आने वाली डेंगू पॉजीटिव रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग सही नहीं मानता है और इसकी पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट कराया जाता है, लेकिन अभी तक इसके लिए सैम्पल नहीं लिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग डेंगू की पुष्टि करना ही नहीं चाह रहा है, जिससे सरकारी आंकड़े शून्य रहें।

स्वास्थ्य शिविर लगाने की है जरूरत
गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने की जरूरत है, जिससे सभी की जांच के बाद सही इलाज मिल सके। अभी पीडि़त रिफाइनरी अस्पताल इलाज कराने पहुंच रहे हैं। इस संबंध में बीएमओ डॉ. संजीव अग्रवाल ने बताया कि आज टीम भेजकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा और जांच के लिए सैम्पल लिए जाएंगे। दवाओं का छिडक़ाव किया गया है।

रिफाइनरी का है गोद गांव
रिफाइनरी ने इस गांव को गोद लिया है, लेकिन उसके अनुसार कोई सुविधा नहीं है। गांव में जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं और लोगों के बीमार होने के बाद भी यहां कोई नहीं पहुंचा है, न ही स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि शुरुआत में ही रिफाइनरी प्रबंधन ने गांव में सफाई कराई थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अब ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

रिफाइनरी प्रबंधन को लिखेंगे पत्र
रिफाइनरी प्रबंधन को भी गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाने और दवाओं का छिडक़ाव कराने पत्र लिखा जाएगा। इस संबंध में बीएमओ को भी निर्देशित किया गया है।
विजय डेहरिया, एसडीएम, बीना