
भारत माता का अपमान अब बर्दाश्त नहीं | Image Source - 'FB' @JagadguruRambhadracharya
Rambhadracharya vande mataram controversy: यूपी के संभल के ऐंचोड़ा कंबोह में आयोजित भव्य श्री कल्कि महोत्सव के दौरान तुलसी पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने देश, धर्म और राष्ट्रभावना को लेकर तीखा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वालों को सूरदास, कबीरदास और तुलसीदास जैसे संतों के मार्ग पर चलना चाहिए, न कि अकबर या बाबर की सोच लेकर यहां रहने की कोशिश करनी चाहिए। जगद्गुरु ने कहा कि भारत माता का अपमान अब देश बिल्कुल नहीं सहेगा और ऐसा करने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि भारत माता को डायन कहने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस देश में रहने वाले हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह भारत माता को मां की तरह सम्मान दे। उन्होंने आगे कहा कि गंगा माता हो, गौ माता हो या भारत माता, इनका सम्मान भारतीय संस्कृति की आत्मा है। उनसे अलग हटकर किसी प्रकार की अभद्र टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जगद्गुरु ने वंदे मातरम का विरोध करने वालों पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस देश की मिट्टी में जी रहे हैं, उसी देश के सम्मान में वंदे मातरम कहना सबसे मूलभूत कर्तव्य है। जो लोग ऐसा नहीं कर सकते, उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
बीते दिनों पत्नी की अंग्रेजी व्याख्या पर दिए गए अपने बयान को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि उनकी कही बात पूरी तरह शास्त्रसम्मत है। उन्होंने व्यंग्य में कहा कि यह अंग्रेजों से पूछा जाए कि उन्होंने वाइफ शब्द की ऐसी परिभाषा क्यों दी। उन्होंने कहा कि भारत में न बीवी स्वीकृत है और न ही वाइफ, यहां पत्नी होती है जो पति को पतन से बचाती है।
कल्कि कथा के संदेश पर उन्होंने कहा कि आज समाज को सबसे ज़्यादा जरूरत है, स्वयं जीने और दूसरों को जीने देने की। उन्होंने कहा कि हम किस बात में गलत हैं? हम सिर्फ यही कहते हैं, भारत माता को माता कहो, गंगा माता को माता कहो और गौ माता को माता कहो। बस इतना सम्मान अगर हर व्यक्ति देने लगे तो समाज में कोई विवाद पैदा ही न हो।
Published on:
02 Dec 2025 09:16 am
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