शहडोल. मेडिकल कॉलेज में शहडोल में प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक साल से पोविडोन आयोडीन के उपयोग से गर्भवती महिलाओं में रिएक्शन का मामला तूल पकडऩे के बाद कलेक्टर भोपाल से लौटते ही अस्पताल निरीक्षण करने पहुंच गए। इधर ड्रग इंस्पेक्टर ने भी सैंपल लेकर लैब भेजा है। कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने गुरुवार की शाम औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रसूति वार्ड का जायजा लिया और भर्ती मरीजों के साथ पोविडोन आयोडीन दवाई से प्रभावित मरीजों से संक्रमण के संबंध में जानकारी ली। वार्ड में लगभग 50 प्रसूता महिलाएं भर्ती थी। जिनमें से 2 महिलाओं में संक्रमण की शिकायत पाई गई। कलेक्टर ने चिकित्सको से संक्रमण के संबंध में बात की। अधीक्षक मेडिकल कॉलेज डॉ. नागेंद्र सिंह ने प्रतिदिन औसतन 20 से 25 डिलेवरी होती है जिनमें 10 से 12 डिलेवरी सीजर ऑपरेशन से होती है। एक सप्ताह में 2 मरीजों में रिएक्शन हुआ है। कलेक्टर ने चिकित्सको को निर्देश दिए कि संक्रमित मरीजों के सैंपल लेब्रोरेटरी में भेजकर जांच कराएं। जिससे स्पष्ट हो कि संक्रमण कैसे हो रहा है। त्वचा रोग विशेषज्ञ से भी जानकारी ली। कलेक्टर ने रिपोर्ट आने तक पोविडोन आयोडीन के उपयोग पर रोक लगाने कहा है। डीन डॉ. गिरीश बी रामटेके, अधीक्षक डॉ. नागेद्र सिंह, सीएमएचओ डॉ. राजेश मिश्रा, डॉ. अवतार जयसिंघानी, डॉ. विक्रांत कबीर पंथी मौजूद रहे।
कॉलेज प्रबंधन की आंकड़ों की पर्दादारी बरकरार है। लापरवाही पर पर्दा डालने डीन ने दलील दी है कि साल में 10-12 केस आए हैं। जबकि कलेक्टर को खुद दो केस अस्पताल में मिले। जिन्हे एक सप्ताह के अंदर पोविडोन आयोडीन से रिएक्शन हुआ है। ये दोनों अस्पताल में भर्ती थे। कलेक्टर के दौरे के वक्त भी आंकड़ों की सही जानकारी नहीं दी। अंदाजा लगा सकते हैं कि जब सप्ताह में दो केस मिले तो सालभर में कितने केस आए होंगे।
कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज कैंपस में अमृत फार्मेसी दुकान का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जिन दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया है उन दवाइयों का उपयोग नही किया जाए।
ड्रग इंस्पेक्टर ने रिएक्शन के मामले के बाद मेडिकल कॉलेज पहुंचकर पोविडोन आयोडीन का सैंपल लिया। उन्होने सैंपल को जांच के लिए भोपाल लैब
भेजा है।
Published on:
10 Oct 2025 11:53 am
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