
ठंड से बचाव के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक दे रहे सावधानी बरतने की सलाह
शहडोल. जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जहां एक ओर न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों के पुराने मर्ज एक बार फिर से उभरने शुरू हो गए हैं। गठिया वात, जोड़ों के दर्द और कमर दर्द के मरीजों की शिकायतें बढऩे लगी हैं, वहीं हृदय रोगियों के लिए भी यह मौसम परेशानी बढ़ा रहा है। जिला अस्पताल और निजी क्लीनिकों में ऐसे मरीजों की संख्या बढऩे लगी है। चिकित्सकों के अनुसार, ठंड में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त संचार प्रभावित होता है। मांसपेशियों में अकडऩ और जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर पुराने रोगों से जूझ रहे लोगों पर पड़ता है। ऐसे मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिससे स्वास्थ्य पर किसी तरह का बुरा असर न पड़े।
जिला अस्पताल की ओपीडी में हर रोज बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। अस्थि रोग विभाग में 25-30 फीसदी मरीज पुराने मर्ज फिर से उभरने के कारण पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार ठंड बढऩे से गठिया रोग, कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में जकडऩ, बुजुर्गों के हाथ पैर में सुन्नपन की शिकायत लेकर लोग आ रहे हैं। इसमें सबसे अधिक 50 की उम्र पार करने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। इसी प्रकार हृदय रोग से पीडि़त मरीजों में भी समस्या सामने आने लगी है। बीपी, शुगर से लंबे समय तक पीडि़त रहने वाले मरीजों में छाती दर्द की समस्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल में हर रोज 5-7 मरीज छाती के दर्द, सांस फूलने की समस्या लेकर लोग आते हैं। प्राथमीक जांच के बाद मरीजों को उपचार शुरू किया जाता है।
जिला चिकित्सालय के डॉ. भूपेन्द्र ङ्क्षसह सेंगर ने बताया कि तापमान में गिरावट आने पर पाचन क्रिया स्लो हो जाती है, जिसके कारण बीपी, शुगर व हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है। छाती में दर्द व सांस फूलने की शिकायत रात में ज्यादा परेशान करती है। अस्पताल में हर रोज 5-7 मरीज छाती दर्द के पहुंच रहे हैं, जिन्हें जांच के बाद उपचार दिया जाता है। मरीजों को गर्म कपड़े पहनने, गरम तरल पेय पदार्थ पीने, धूप में बैठने की सलाह दी जाती है। साथ ही रात में मसालेदार भोजन से परहेज करने कहा जाता है।
अस्थि रोग विशेषज्ञ ने कहा कि ठंड बढऩे से पुराने दर्द उभरने लगे हैं। अस्पताल में जोडां़े के दर्द, कमर दर्द, पुराने फ्रैक्चर के दर्द, गठियावात की शिकायत लेकर लोग आ रहे हैं। ऐसे मरीजों व्याम करने, सुबह व शाम को बाहर निकलने से परहेज करने के साथ ही मरीजों को दवाइयों का नियमित सेवन करने कहा जाता है। इसके साथ ही पौष्टिक आहार, गर्म भोजन, सूप, दाल और मौसमी सब्जियों को भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है। किसी भी प्रकार के दर्द में बिना चिकित्सक की सलाह के दवा का सेवन न करें।
Published on:
18 Nov 2025 11:57 am
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