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रोडवेज में स्टेपनी परिचालक, आईडी मांगते ही बस छोडकर भागा

सीकर. सुरसा के मुंह की तरह बढ रहे घाटे और निजी बसों से कड़ी प्रतिस्पर्धा को लेकर निगम ने अनुबंधित बसों को चलाया लेकिन रोडवेज के कई कर्मचारी ही निगम मुख्यालय के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने के साथ ही राजस्थान रोडवेज की अनुबंधित बसों में व्यवस्थाओं की पोल खुल गई।

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Rajasthan Roadways bus

सीकर. सुरसा के मुंह की तरह बढ रहे घाटे और निजी बसों से कड़ी प्रतिस्पर्धा को लेकर निगम ने अनुबंधित बसों को चलाया लेकिन रोडवेज के कई कर्मचारी ही निगम मुख्यालय के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने के साथ ही राजस्थान रोडवेज की अनुबंधित बसों में व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। स्टेपनी परिचालक के सिंधी कैंप से रवाना होने की जानकारी मिलने पर श्रीमाधोपुर फ्लाइंग ने बीच रास्ते में रींगस के पास बस संख्या आरजे 20 पीबी 2419 को रोका। टीम को बस में स्टेपनी परिचालक मिला। फ्लाइंग टीम ने ड्यूटी चार्ट के आधार पर जब परिचालक से आईडी मांगी तो स्टेपनी परिचालक घबरा गया और मौके से भाग छूटा। बाद में सीकर से ड्यूटी परिचालक के साथ बस को भेजा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए फ्लाइंग टीम ने रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेज दी है। हालांकि इस तरह की कई शिकायतें मुख्यालय में हो चुकी है। इसके बावजूद लम्बी दूरी और रात्रि ठहराव वाली बसों को लेकर अनदेखी बरती जा रही है। जिससे अनुबंधित बसों में यात्री सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहा है। जबकि रोडवेज में नियुक्त चालक परिचालक के जगह स्टेपनी का काम करना निगम के नियमों के खिलाफ है और इस पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।

खुद की लगाई ड्यूटी, चार्ट का कॉलम रखा खाली

सीकर डिपो की अनुबंधित बस मंगलवार को जयपुर से लाडनूं रूट के लिए रवाना हुई। मुख्यालय की ओर से वेतन देने के लिए तीन हजार किलोमीटर चलने की अनिवार्यता के कारण डिपो के मुख्य समय पालक व परिचालक हरलाल सिंह पचार ने खुद की ड्यूटी इस बस में लगाई और ड्यूटी चार्ट में खुद का नाम तक नहीं लिखा। सूत्रों ने बताया कि परिचालक ने सीकर के बाहर से ही स्टेपनी परिचालक को बतौर परिचालक रूट पर भेज दिया। इसके बाद बस के स्टॉफ ने मंगलवार को लाड्नू-सुजानगढ़ में रात्रि ठहराव किया। अगले दिन बुधवार को यह बस लाडनू से जयपुर के लिए रवाना हुई। जहां बस के स्टेपनी परिचालक ने सिंधी कैंप पर बस की बुकिंग करवाई और 11 बजे जयपुर से सीकर के लिए रवाना हुई। जिसकी शिकायत करने के करीब दो घंटे बाद श्रीमाधोपुर फ्लाइंग की टीम पहुंची। टीम ने बस की चैकिंग कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी। -

बेरोजगार युवकों के भरोसे करते हैं ड्यूटी चोरी

चालक-परिचालक के काम के जानकार बेरोजगारों को निगम के कई लोग 500 से 1000 रुपए तक देकर खुद की जगह ड्यूटी पर भेज देते हैं और खुद अपने निजी घरेलू कार्य करते हैं। निगम का स्थाई स्टॉफ बस को लेकर रवाना तो होता है लेकिन शहर से बाहर निकलने पर या निर्धारित जगह स्टॉफ खुद के नाम से जारी ईटीएम मशीन ऐसे बाहरी लोगों से सौंप देता है। कई बार तो निगमकर्मी ऐसे शख्स को अपने साथ बस स्टैंड तक ले जाते है। बस का रूट खत्म होने पर वापस खुद इटीएम मशीन लेकर बस डिपो में जमा करवा देते हैं। जबकि कई लोग तो खुद की ड्यूटी लगाने की बजाए चार्ट का कॉलम ही खाली छोड देते हैं। -

यात्रियों में नाराजगी

रोडवेज बस में सफर करने वाले यात्रियों का कहना है कि अनुबंधित बसों में टिकट देने, ठहराव और रवाना होने के समय में लगातार मनमानी हो रही है। कई बार तो इन बसों में बिना टिकट यात्रियों को बिठाया जाता है। यात्रियों ने विभाग से सख्त कार्रवाई की मांग की है जिससे ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

इनका कहना है

मुख्यालय के निर्देश पर श्रीमाधोपुरउड़नदस्ते ने कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान बस में ऑन ड्यूटी परिचालक नहीं मिला। जिसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है। जहां से नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

त्रिलोक सिंह, मुख्य प्रबंधक, श्रीमाधोपुर डिपो


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