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राजस्थान में शिक्षा विभाग का अनोखा कारनामा: एक ही स्कूल में 5 वाइस प्रिंसिपल, जहां कार्यरत वहीं पर पदभार ग्रहण करने के दिए आदेश

प्रदेश में 11838 व्याख्याता पदोन्नत होकर वाइस प्रिंसिपल बने हैं। जिनका ऑनलाइन काउंसलिंग से विद्यालय आवंटन व पदस्थापन होने तक यथावत ऑफलाइन कार्यभार ग्रहण करने का आदेश है।

2 min read

सीकर

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Akshita Deora

Oct 03, 2025

Rajasthan Education Department

प्रतीकात्मक तस्वीर: पत्रिका

एक तरफ जहां राजस्थान में शिक्षक नहीं मिल रहे तो दूसरी ओर वाइस प्रिंसिपल एक-एक स्कूल में 5-5 लगे हुए हैं। यह स्थिति हाल ही में की गई वाइस प्रिंसिपल की पदोन्नति के बाद हुई। क्योंकि जहां कार्यरत हैं, वहीं पर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 11838 व्याख्याता पदोन्नत होकर वाइस प्रिंसिपल बने हैं। जिनका ऑनलाइन काउंसलिंग से विद्यालय आवंटन व पदस्थापन होने तक यथावत ऑफलाइन कार्यभार ग्रहण करने का आदेश है।

ये तीन उदाहरण से समझें हालात


  1. बाड़मेर शहर के एमबीसी राउमावि गांधी चौक में वाइस प्रिंसिपल पद पर अनिल रामावत, मूलचन्द गोयल, मनीष जैन, गवरी चौधरी और पार्वती कार्यरत हैं।




  2. राउमावि चौहटन में तीन वाइस प्रिंसिपल विमला चौधरी, चैनाराम चौधरी, हरिसिंह सारण कार्यरत हैं।




  3. राउमावि चवा में विशनाराम, बाबूलाल व हरिसिंह चौधरी वाइस प्रिंसिपल के पद पर लगे हुए हैं।

यह तीन तो मात्र उदाहरण है। प्रदेश व जिले में ऐसे कई विद्यालय हैं जहां पर वाइस प्रिंसिपल पद पर दो या अधिक जने कार्यरत है। पूर्व में पदोन्नति के बाद काउंसलिंग होती थी, जिसमें संबंधित शिक्षक अपनी मनमर्जी से स्कूल का चयन कर ऑप्शन भरते थे, उसके बाद पदभार ग्रहण करते थे। इससे एक जगह दो या अधिक की नियुक्ति की संभावना खत्म हो जाती थी।

किसके ज़िम्मे कुर्सी

गौरतलब है कि हर विद्यालय में एक वाइस प्रिंसिपल का पद होता है। ऐसे में यथास्थान पदभार संभालने पर एक ही जगह एक कुर्सी के कई दावेदार हो गए हैं। ऊहापोह की स्थिति यह है कि वाइस प्रिंसिपल की कुर्सी किसको दी जाए यह तय करना मुश्किल हो रहा है।

यथावत कार्यभार ग्रहण की व्यवस्था का सेवा नियमों में कहीं उल्लेख नहीं है, इसे बन्द करके पदोन्नति पश्चात पदोन्नत कार्मिकों को ऑनलाइन काउंसलिंग आयोजित की जाकर आवश्यकता अनुसार रिक्त पदों पर पदस्थापन दिया जाना चाहिए। जिससे विद्यालयों व विद्यार्थियों को वास्तविक फायदा मिल सके।

बसन्त कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा

अव्यवस्थाएं

अब आलम यह है कि पदोन्नति पश्चात यथावत कार्यग्रहण करने से जहां जरूरत है, वहां पद रिक्त रहता है। कहीं-कहीं एक पद पर एक से अधिक कार्मिक कार्यरत हो जाते हैं। जिससे कार्मिकों को तो फायदा मिलना शुरू हो जाता है, जबकि विद्यालय व विद्यार्थियों को फायदा नहीं मिलता है।


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