
कार्रवाई करती लोकायुक्त की टीम और इनसेट में नायब तहसीलदार महेन्द्र कुमार कोल
mp news: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ रही है, लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले का है, जहां एक नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। राजस्व निरीक्षक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है और उसके खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
सिंगरौली जिले के चितरंगी के शासकीय आवास बैरीटोला खुर्द में नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त रीवा की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा है। नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक (आरआई) हरी प्रसाद वैश्य ने जमीन की बेदखली कराने के एवज में किसान से 15 हजार रुपए की मांग की थी। सीधी जिले के सिहावल के करौली निवासी प्रवीण चतुर्वेदी ने नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय रीवा में की थी। फरियादी प्रवीण ने बताया था कि उसने वर्ष 2016 में 0.800 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी, लेकिन भूमि पर विक्रेता के बेटों ने अवैध कब्जा कर लिया था। प्रवीण ने 2017 में नायब तहसीलदार न्यायालय में बेदखली का आवेदन लगाया, जिस पर 8 सितंबर 2021 को आदेश पारित हो गया, लेकिन आदेश के पालन में प्रशासनिक लापरवाही के चलते चार साल बाद भी जमीन खाली नहीं कराई गई थी।
तहसीलदार न्यायालय के आदेश का पालन कराने के लिए जब फरियादी प्रवीण चतुर्वेदी नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल और राजस्व निरीक्षक हरी प्रसाद वैश्य के पास पहुंचा, तो उन्होंने 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। लोकायुक्त रीवा की टीम ने शिकायत की जांच की, जिसमें नायब तहसीलदार द्वारा 4 हजार और आरआई द्वारा 8 हजार रुपए मांगने की पुष्टि हुई। शिकायत सत्यापन के बाद टीम ने नायब तहसीलदार महेंद्र कुमार कोल के पास फरियादी प्रवीण को रिश्वत की राशि देने के लिए भेजा। अपने शासकीय आवास पर जैसे ही नायब तहसीलदार ने रिश्वत की रकम ली, लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों धर दबोचा। वहीं राजस्व निरीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
Published on:
26 Nov 2025 04:09 pm
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