
परियोजना का विरोध करते ग्रामीण। फोटो- पत्रिका
स्वरूपगंज/सिरोही। पिण्डवाड़ा क्षेत्र के भारजा, भीमाना, वाटेरा और रोहिड़ा गांवों में प्रस्तावित चूना पत्थर खनन परियोजना के विरोध में भारजा के ग्रामीणों ने पंचायत में आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर का बहिष्कार कर दिया। शिविर में किसी भी ग्रामीण ने भाग नहीं लिया। ग्रामीण शिविर स्थल के सामने एकत्र होकर प्रस्तावित खनन परियोजना के खिलाफ विरोध जताते रहे।
शिविर के दौरान पिण्डवाड़ा उपखंड अधिकारी नरेंद्र जांगिड़ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों ने खनन परियोजना को क्षेत्र के पर्यावरण और जनजीवन के लिए घातक बताते हुए इसे पूर्णत: निरस्त करने की मांग रखी।
ग्रामीणों ने शिविर प्रभारी जितेन्द्र सिंह राणावत को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें बताया कि जब तक परियोजना को रद्द नहीं किया जाता, तब तक विरोध जारी रहेगा। ग्रामीणों ने कहा कि खनन से उनकी कृषि भूमि, जल स्रोत और आजीविका पर गंभीर असर पड़ेगा। इस कारण उन्होंने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती, तब तक वे किसी भी सरकारी शिविर या कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने उल्लेख किया कि क्षेत्र में खनन से पर्यावरणीय असंतुलन बढ़ेगा, पेयजल संकट गहराएगा और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द निर्णय नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस दौरान भारजा ग्राम पंचायत के प्रशासक पुखराज प्रजापत सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
ग्रामीणों ने बताया कि पिण्डवाड़ा क्षेत्र के भारजा, भीमाना, वाटेरा और रोहिड़ा क्षेत्र की लगभग 800 हैक्टेयर भूमि पर जयपुर की एक कंपनी की ओर से चूना पत्थर खनन परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना के विरोध में क्षेत्रवासी करीब डेढ़ महीने से लगातार आंदोलनरत हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि जयपुर स्थित एक कंपनी की ओर से पिण्डवाड़ा क्षेत्र की चार पंचायतों में करीब 800 हैक्टेयर भूमि पर खनन परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना में भारजा, भीमाना, वाटेरा और रोहिड़ा ग्राम पंचायतों की कृषि भूमि शामिल है। अगर यह खनन परियोजना शुरू हुई तो हजारों किसानों की आजीविका पर संकट आ जाएगा, भूजल स्तर गिर जाएगा और खेत-खलिहान उजड़ जाएंगे। हम अपने बच्चों का भविष्य उजड़ते हुए नहीं देख सकते। चाहे कितनी भी कोशिशे हो, हम अपनी मातृभूमि की रक्षा करेंगे।
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शिविर का ग्रामीणों ने बहिष्कार किया है। ग्रामीणों से समझाइश करने पर भी नहीं माने, उन्होंने प्रस्तावित खनन परियोजना को निरस्त करने की मांग की है।
Published on:
25 Oct 2025 04:08 pm
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