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Rajasthan: मुख्य सचिव और DGP भी नहीं सेफ, स्कूल, अस्पताल और घरों के पास बम का गोदाम, 24 घंटे दहशत

राजस्थान के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तक भी जयपुर में अपने सरकारी आवास में सेफ नहीं हैं। वजह उनके सरकारी आवास के पास बने एलपीजी गोदाम हैं। शहर के रिहायशी इलाकों में बने गैस गोदाम आग लगने पर बम से कम साबित नहीं होंगे।

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जयपुर में गैस गोदाम से वीआइपी भी नहीं सेफ, पत्रिका फोटो

राजस्थान के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तक भी जयपुर में अपने सरकारी आवास में सेफ नहीं हैं। वजह उनके सरकारी आवास के पास बने एलपीजी गोदाम हैं। पिछले दिनों जिस तरह से एलपीजी सिलेंडरों में लगी आग और बम ​की तरह उनके फटने से हुई जनहानि से अब शहर के रिहायशी इलाकों में बने गैस गोदाम आग लगने पर बम से कम साबित नहीं होंगे।

जयपुर में आबादी क्षेत्रों के साथ स्कूलों और अस्पतालों के आस-पास गैस गोदाम बने हैं, जहां एक साथ 500 से 2000 सिलेंडर रखे जाते हैं। ये गोदाम बच्चों से लेकर लोगों के लिए जोखिम से कम नहीं हैं। पत्रिका संवाददाता ने शहर में पड़ताल की तो प्रतिबंधित क्षेत्रों में गैस गोदाम बने नजर आए। जहां सुबह-शाम खुले में ही गाड़ियों में सिलेंडर भरे और उतारे जाते हैं। हद तो तब है जब इन गोदामों के आसपास रह रहे प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के मुखिया तक भी हादसा होने पर सुरक्षित नहीं है।

आबादी के बीच गैस गोदाम से दहशत

गैस गोदाम को लेकर बातचीत की तो लोगों की पीड़ा सामने आई। लोग डर के साये में जी रहे हैं। उन्हें हमेशा अनहोनी का डर सताए रहता है। कुछ गैस गोदाम तो स्कूल से सटे नजर आए तो कुछ रिहायशी इलाकों में मिले। निवारू रोड पर तो गैस गोदाम के पास ही थिनर का गोदाम बना है। एक साथ दो-दो ज्वलनशील पदार्थों के गोदाम बने हुए हैं। लोगों ने बताया कि गोदामों के बाहर रात को ही गैस से भरे सिलेंडर की गाड़ियां आकर खड़ी हो जाती हैं, शहर में वितरण के लिए सुबह इन गाड़ियों से ही सिलेंडर भेजे जाते हैं। वहीं कुछ लोग गोदामों में सिलेंडर रखवा लेते हैं, जहां से वितरण के लिए भेजते हैं।

सड़क किनारे सिलेंडर से भरे ट्रक मिले

त्रिवेणी नगर में 200 मीटर की दूरी के बीच ही दो अलग-अलग जगहों पर सिलेंडर से भरे ट्रक मिले। इन ट्रकों से सीधे ही वितरण के लिए सिलेंडरों को दिया जा रहा था। ये ट्रक भी मुख्य मार्गों पर आबादी क्षेत्र के बीच खड़े मिले।

मुख्य सचिव, डीजीपी भी नहीं सेफ

टोंक रोड पर हीराबाग में गैस गोदाम है, जिसके पास ही मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के बंगले हैं। पूरे राजस्थान का जिम्मा संभालने वालों के बंगले पास ही गैस गोदाम का होना सवाल खड़े करता है। वहीं पास में एसएमएस अस्पताल है, जहां मरीज भर्ती रहते हैं। पास में ही डॉक्टरों के बंगले भी हैं, रेजीडेंट डॉक्टर्स का हॉस्टल है।

नोटिस देकर खानापूर्ति

जानकारों के अनुसार आबादी क्षेत्रों में बने गैस गोदामों को प्रशासन की ओर से कई बार नोटिस भी मिल चुके हैं, लेकिन आज तक वे बाहर शिट नहीं हो रहे हैं। दो-चार गैस गोदाम जरूर बाहर शिट हुए हैं। लोगों ने बताया कि पहले इन गोदामों के आस-पास आबादी नहीं हुआ करती थी, अब आबादी बस चुकी है।

जानकारों की मानें तो गैस गोदामों में तय क्षमता से अधिक सिलेंडर रखे जा रहे हैं। वर्षों पहले जब गोदाम बनाए गए थे, तब गैस एजेंसी के उपभोक्ता कम थे, उसके अनुसार ही गोदाम की स्वीकृति मिली थी। अब समय के साथ हर गैस एजेंसी पर उपभोक्ता बढ़ गए, ऐसे में सिलेंडरों की संख्या भी बढ़ गई।

खाद्य मंत्री ये बोले

आबादी क्षेत्र में बने सिलेंडर गोदाम में सुरक्षा मानकों के पालन को लेकर समय-समय पर विभाग की ओर से नोटिस भी दिए जाते हैं। हम आबादी के बीच बने सिलेंडर गोदामों को दूसरी जगह शिफ्ट करने को लेकर नीति लाने पर भी मंथन कर रहे हैं। आमजन भी सिलेंडर के अवैध भंडारण की विभाग को सूचना दे तो हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। सुमित गोदारा, खाद्य मंत्री