Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan: 63.85 लाख ‘गरीब जमींदार’ भी उठा रहे गरीबों के हक का मुफ्त का गेहूं, 6 लाख से ज्यादा किसानों के हटाए नाम

राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में किसान सम्मान निधि के लिए रजिस्टर्ड किसानों का डेटा खंगाला गया तो सामने आया कि 2.47 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले 63.85 लाख जमींदार भी गरीबों के हक का गेहूं उठा रहे थे।

2 min read
Google source verification

खाद्य सुरक्षा योजना में गड़बड़झाला, पत्रिका फोटो

Food Security Scheme: राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्र लाभार्थियों की बड़ी संख्या सामने आई है। किसान सम्मान निधि के लिए रजिस्टर्ड किसानों का डेटा खंगाला गया तो सामने आया कि 2.47 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले 63.85 लाख जमींदार भी गरीबों के हक का गेहूं उठा रहे थे। केंद्र से इनकी सूची मिलने के बाद खाद्य विभाग ने सत्यापन किया। इसके बाद 2.47 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले 6 लाख से ज्यादा किसानों के नाम हटा दिए हैं।

केंद्र को मिल रही थी शिकायतें

जानकारी के अनुसार अभी तक कार मालिक, 25 लाख से ज्यादा टर्न ओवर, 6 लाख से ज्यादा वार्षिक आय समेत 15 श्रेणी बना कर केंद्र सरकार योजना में अपात्रों को बाहर कर रही थी। केंद्र सरकार के पास ये शिकायतें भी लगातार पहुंच रहीं थी कि लाखों ऐसे अपात्र भी योजना में गरीबों के हक का गेहूं उठा रहे हैं। इसके बाद किसान सम्मान निधि के लिए 2.47 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले जमींदार पहली बार निशाने पर आए।

गेहूं उठाने वाले अपात्रों का गणित

क्रमांकश्रेणीकुल चिन्हित (लाख/संख्या)हटाए गए (लाख/संख्या)
12.47 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले63.85 लाख6.04 लाख
2अंतरजिला डुप्लीकेट आधार1.04 लाख71,985
3अंतरराज्यीय डुप्लीकेट आधार4,4422,976
4100 साल से अधिक आयु वाले3,1961,390
51 साल से गेहूँ नहीं लेने वाले4.10 लाख4.08 लाख
66 माह से गेहूँ नहीं लेने वाले5.07 लाख4.97 लाख
76 लाख से ज्यादा आय वाले2.29 लाख1.66 लाख
825 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले4,1293,464
9कंपनी में डायरेक्टर19,11111,283
10कार मालिक1.72 लाख51,052

अपात्रों को हटाने की ये कर रहे मॉनिटरिंग

राज्य के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, प्रमुख सचिव भवानी सिंह देथा और अतिरिक्त आयुक्त पूनम प्रसाद सागर खाद्य सुरक्षा योजना में अपात्रों को हटाने की सीधी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बावजूद इसके योजना में गड़ब​ड़ी की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।