चेन्नई. पूर्व न्यायाधीश व इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी ने रविवार को कहा कि कि कुछ ताकतें भारतीय संविधान को ही कमज़ोर करने की कोशिश कर रही हैं और "ऐसी स्थिति में, हम सभी को एकजुट होकर संविधान के मूल मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करनी चाहिए। कांग्रेस नीत इंडिया ब्लॉक इसके लिए लड़ रहा है और मैं इस लड़ाई में भागीदार बनना चाहता हूं।"
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव अगले महीने 9 सितंबर को होगा। तमिलनाडु के सी.पी. राधाकृष्णन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से और पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी कांग्रेस के नेतृत्व वाले 'इंडिया' ब्लॉक की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इसके बाद, वे प्रत्येक राज्य में अपने गठबंधन दल के नेताओं से मिलने और सांसदों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। 'इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी समर्थन जुटाने यहां आए।
वे चेन्नई के त्यागराय नगर स्थित एक होटल में रुके, जहां मुख्यमंत्री व द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन, तमिलनाडु कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुंथगै, एमडीएमके महासचिव वाइको, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सचिव षणमुगम, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सचिव मुथअरसन, वीसीके पार्टी के नेता तिरुमावलवन, मक्कल नीदि मय्यम पार्टी के नेता व सांसद कमल हासन सहित गठबंधन के अन्य नेताओं और सांसदों से उन्होंने भेंट की और समर्थन मांगा।
इस दौरान एम.के. स्टालिन ने कहा, “संविधान की रक्षा के लिए सुदर्शन रेड्डी की आवश्यकता है। सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार हैं। सुदर्शन रेड्डी तमिलनाडु और तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हैं। लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोग सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करेंगे। हमारा संविधान खतरे में है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए सुदर्शन रेड्डी को जीतना ही होगा। भाजपा 'तमिल' का मुखौटा पहनकर समर्थन मांग रही है।”
भेंटवार्ता के बाद सुदर्शन रेड्डी पत्रकारों से मिले तो उनसे भारतीय सीमा समेत कुछ न्यायिक फैसलों पर सवाल पूछे गए। सुदर्शन रेड्डी ने कहा, "मैं अभी इन पर बात नहीं करूंगा, लेकिन मुझे एक मौका दीजिए। तभी मैं संविधान के सच्चे मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ सकूंगा।" इसके अलावा, उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का विशेष उल्लेख किया। सुदर्शन रेड्डी ने कहा, "बहुमुखी स्टालिन एक सच्चे चैंपियन हैं। वे सामाजिक न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला उत्थान जैसे क्षेत्रों में अग्रणी परियोजनाओं को लागू कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में, इंडिया ब्लॉक और मज़बूत होगा।"
उन्होंने राज्यपाल के पद की आवश्यकता के बारे में भी बात की। रेड्डी ने कहा, "तमिलनाडु सरकार पहले ही कई बार स्पष्ट रूप से कह चुकी है कि राज्यपाल का पद अनावश्यक है। मैं इस विचार का सम्मान करता हूं, क्योंकि लोकतंत्र में, निर्वाचित सरकार और उसके नेता जनता की इच्छा को प्रतिबिम्बित करते हैं। देश में अगर अगर सत्ता के कुछ केंद्र संविधान को चुनौती देने वाले तरीके से काम करते हैं, तो यह एक बड़ा ख़तरा बन जाएगा।"
रेड्डी ने अपनी यात्रा के बारे में बताया कि इसकी नींव 1971 में पड़ी थी। उन्होंने कहा, तब मैंने संविधान के तहत राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने की शपथ ली थी। तब से जो यात्रा शुरू हुई, वह आज भी इसके मूल्यों को बनाए रखने की मेरी आजीवन प्रतिबद्धता बनी हुई है। उन्होंने आगे कहा, "उपराष्ट्रपति का पद किसी राजनीतिक दल का नहीं है। यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पदों में से एक है, जिसे बिना किसी पूर्वाग्रह के कार्य करने का दायित्व सौंपा गया है। अपनी पूरी यात्रा में, मैंने ईमानदारी, निष्ठा और गरिमा के साथ सेवा की है और मैं उपराष्ट्रपति चुने जाने पर इन सिद्धांतों को बनाए रखने का संकल्प लेता हूं।"
Published on:
25 Aug 2025 01:00 am
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