श्रीगंगानगर.सरकारी दफ्तरों में देर से आने की पुरानी आदत अब भारी पडऩे वाली है। जिला परिषद और पंचायत समिति श्रीगंगानगर में समय की पाबंदी को लेकर जिला परिषद सीईओ गिरधर ने सख्त तेवर दिखाए हैं। तय समय सुबह 9:30 बजे ऑफिस पहुंचने की व्यवस्था के बावजूद अधिकांश कर्मचारी देर से आते रहे। इस लापरवाही को लेकर सीईओ ने दो बार औचक निरीक्षण किया और जब सच्चाई सामने आई, तो उन्होंने सीधे अनुशासनात्मक कार्रवाई की राह पकड़ ली।
परिषद के कार्मिक भी लापरवाह
पहला औचक निरीक्षण 27 अगस्त 2025 को किया गया। सुबह 9:40 बजे तक कार्यालय पहुंचने पर सीईओ ने पाया कि जिला परिषद के 12 और पंचायत समिति के आधा दर्जन कर्मचारी अनुपस्थित हैं। तत्काल इन सभी को नोटिस जारी कर चेतावनी दी गई। लेकिन चेतावनी का असर नहीं दिखा। सीईओ गिरधर ने 18 अक्टूबर को पुन: औचक निरीक्षण किया। इस बार उन्होंने 9: 40 बजे जिला परिषद का मुख्य गेट बंद करवा दिया और हाजिरी रजिस्टर मंगवाया। जांच में सामने आया कि जिला परिषद के 28 कर्मचारी उस समय तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे। सीईओ ने इसे गंभीर माना और अंतिम चेतावनी देते हुए सभी को चार्जशीट थमाने की तैयारी कर ली।
बीडीओ के माध्यम से 11 कार्मिकों को नोटिस
पंचायत समिति श्रीगंगानगर के बीडीओ भंवरलाल स्वामी के माध्यम से 11 कर्मचारियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें एक वरिष्ठ सहायक ऐसा भी निकला, जिसने हाजिरी लगाकर वापस घर की राह पकड़ ली थी। सीईओ ने इसे अनुशासनहीनता का गंभीर मामला मानते हुए कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
बीडीओ को निरीक्षण किया पाबंद
सीईओ ने पूरे जिले की नौ पंचायत समितियों के बीडीओ को पाबंद किया है कि वे अपने अधीनस्थ कार्यालयों में समयपालन सुनिश्चित करवाएं। इसके लिए ग्राम पंचायतों में क्लस्टर बनाकर नियमित औचक निरीक्षण करवाने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही कार्यालयों के बाहर कर्मचारियों के नाम, पद और मोबाइल नंबर अंकित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
ऑफिस में नशा पर होगी कार्रवाई
सीईओ ने यह भी स्पष्ट किया है कि कार्यालय में किसी भी कर्मचारी को नशा यानि जर्दा,गुटका,सिगरेट,बीडी आदि का सेवन करता पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन के इस सख्त रुख से अब जिला परिषद और पंचायत समिति कार्यालयों में समय पालन की नई परंपरा स्थापित होने की उम्मीद जगी है।