
इनके पास न तो दस्ताने और जूते, रोज संक्रमण से लड़ रहे सफाई कर्मचारियों का नहीं हो रहा मेडिकल
टीकमगढ़ नगर के 27 वार्डों की सफ ाई व्यवस्था गंभीर लापरवाही की ओर इशारा कर रही है। शहर से रोजाना 10 से 11 टन कचरा निकलता है। जिसे उठाने की जिम्मेदारी करीब 270 सफ ाई कर्मचारियों पर है। लेकिन संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच कर्मचारियों के पास न दस्ताने है, न जूते,न मास्क और न ही किसी प्रकार का सुरक्षा किट। नगर पालिका की ओर से सुरक्षा उपकरण दिए जाने का दावा तो किया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट है।
शहर को साफ .सुथरा सुथरा रखने और घरों से डोर टू डोर कचरा एकत्र करने में 2७0 सफ ाई कर्मचारी रोजाना सडक़ों पर होते है, लेकिन ज्यादातर के पास न तो जूते है और न ही दस्ताने। हालांकि नपा का तर्क है कि सफ ाई कर्मचारियों को जूते, दस्ताने और संक्रमण में बचाव के लिए मास्क दिए जाते है। अब सवाल यह है कि इतना सामान देने के बाद भी साफ. सफ ाई कर्मचारी बगैर सुरक्षा सामग्री के काम में ही जुटे है।। फि र इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी किसकी है।
कर्मचारी रोज सुबह से देर शाम तक नालियों, नालों और कचरा डंप से कचरा उठाते है। लेकिन उनके हाथों में दस्ताने नहीं, पैरों में जूतों की जगह साधारण चप्पल, चेहरे पर मास्क नहीं और सिर पर टोपी तक नहीं दिखती। ऐसे में संक्रमण के साथ साथ कांच या अन्य खतरनाक वस्तुओं से चोंट लगने का खतरा भी बना रहता है।
बाजारों में बनाए गए कचरा ढेरों को कर्मचारी अक्सर हाथों से ही साफ करते है। ढेरों में जमा कचरे को पहले सडक़ पर गिराया जाता हैए फि र हाथों से उठाकर कचरा वाहनों में डाला जाता है। इन ढेरों में कांच के टुकड़े, संक्रमण युक्त सामग्री और सड़ी गली वस्तुएं होने से कर्मचारी गंभीर जोखिम में रहते है।
शहर में कई जगहों पर लोग खुले में कचरा फेंक रहे है, जिस पर नगर पालिका रोक नहीं लगा पा रही है। वार्ड 5, 26, 27, 2, 12 और 16 सहित अनेक क्षेत्रों में सडक़ किनारे अवैध कचरा ढेर बने हुए है। खाने पीने का दूषित कचरा भी खुले में पड़ा रहता है। जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
स्वच्छता के नियम स्पष्ट रूप से कचरे में आग लगाने पर रोक लगाते है, लेकिन शहर में यह नियम कागजों तक सीमित है। अस्पताल चौराहा, वार्ड 27 और ढोंगा क्षेत्र में कचरे में आग लगाई जा रही है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। बल्कि आगजनी की आशंका भी बनी रहती है। सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर नगरपालिका सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया और स्वच्छता अधिकारी अजय कुमार दीक्षित से संपर्क किया गया, लेकिन उनके द्वारा कोई जबाव नहीं दिया गया ।
सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा। सफाई के दौरान उन्हें पांच सामग्री की किट जाती है और मेउिकल परीक्षण भी कराया जाता है। अगर यह नहीं हो रहा है तो किट देने और मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा। गुरुवार को ४८ सफाई कर्मचारियों ने रक्तदान किया है।
Published on:
05 Dec 2025 11:17 am
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