
किशनपुरा विद्यालय में जली रोटिया परोसी गई। फोटो: पत्रिका
टोंक। राउमा विद्यालय किशनपुरा में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कृष्णा चौधरी मिड डे मील निरीक्षण के तहत पहुंची। जहां विद्यालय की शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था में गंभीर लापरवाही उजागर हुई। शिक्षकों के समयपालन से लेकर केशबुक संधारण, मिड-डे-मील, दुग्ध योजना और विद्यार्थियों के शैक्षणिक स्तर तक हर जगह अनियमितताएं सामने आई।
सीबीईओ सुबह 7.25 बजे विद्यालय पहुंच गई। नियम के अनुसार शिक्षकों को विद्यालय समय 7.30 बजे पहुंचना था। लेकिन प्रधानाचार्य प्रेमलता सिंह सहित छह शिक्षक देरी से पहुंचे। इनमें व्याख्याता कैलाश जाट, वरिष्ठ अध्यापक गणित निर्मला मीणा, अध्यापक लेवल द्वितीय गणित विज्ञान ज्योति सामरिया, लेवल वन शिक्षक रामप्रकाश बैरवा, कम्प्यूटर अनुदेशक राजेश कुमार सैनी देरी से आए। शिक्षक गिरिराज पाटीदार मेडिकल अवकाश पर होना बताया। लेकिन न तो उसका स्वीकृत पत्र उपलब्ध था और न ही कोई आवेदन उपलब्ध था।
बच्चे भी देर तक विद्यालय आते रहे। ऑनलाइन की गई उपस्थिति में 244 में से 194 बच्चों की उपस्थिति दिखाई गई है। केशबुक संधारण कार्यों में भी गंभीर लापरवाही मिली। जनवरी 2025 से केशबुक का संधारण नहीं किया था और अन्य रोकड़ बुक भी अपूर्ण पाई गई। दुग्ध योजना में दूध का समय पर वितरण नहीं होना पाया गया।
राउप्र विद्यालय चतरपुरा का नायब तहसीलदार जयसिंह ने निरीक्षण किया। इसमें तीन दिनों से दूध आपूर्ति नहीं होने से विद्यार्थियों को दूध नहीं मिल रहा है। यूपीएस चतरपुरा विद्यालय में दूध आपूर्ति खत्म होने से विद्यार्थियों को दूध वितरण नहीं किया जा रहा है। राउप्रा विद्यालय नायकों की ढाणी में गत 6 सितंबर से दूध आपूर्ति खत्म होने के कारण विद्यार्थियों को दूध वितरण नहीं किया जा रहा है।
मिड-डे-मील का निरीक्षण करते समय स्थिति और भी चिंताजनक मिली। कुक-कम-हेल्पर को दैनिक खपत की मात्रा की जानकारी तक नहीं थी। मिड डे मिल भोजन के दौरान की थालियों में जली हुई रोटियां परोसी गई। सीबीईओ ने भी पोषाहार चखा।
सीबीईओ निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों भी मौके पर पहुंचकर शिक्षकों की ढिलाई और मिड डे मील की शिकायतें की। साथ ही मिड-डे-मील और दूध योजना में गड़बड़ियों के बारे में बताया।
Published on:
25 Sept 2025 02:00 pm
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