
फोटो सोर्स- 'X' उन्नाव
Medicines worth lakhs of rupees were burnt in CHC उन्नाव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए भेजी गई लाखों रुपए की दवाइयां जला दी गईं। मामला सामने आने के बाद सीएमओ कार्यालय ने जांच कराई। जलाई गई दवाइयों के सैंपल, अधजली दवाइयों की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई। रिपोर्ट के बाद सीएमओ ने फार्मासिस्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जबकि सीएचसी प्रभारी को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। जांच में पाई गई दवाइयों की एक्सपायरी 2026 और 2027 की थी। मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सफीपुर का है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव के सफीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रुपए की दवाइयों को जलाए जाने का मामला सामने आया तो स्वास्थ्य महत्व में हड़कंप मच गया। जलाई गई दवाइयों में पेरासिटामोल, लिगनोकेन जेल, मेट्रोनिडाजोल सिरप, लेवोसेटिरिज़िन टैबलेट शामिल हैं। गनीमत रही कि दवाइयां पूरी तरह से जलकर खाक नहीं हुई। जिससे दवाइयों के विषय में जानकारी हो गई।
प्रत्येक सीएचसी में प्रतिमाह करीब 5 लाख रुपए की दवाइयों की आपूर्ति होती है और जलाई गई दवाइयों की कीमत लाखों रुपए में है। दवाइयों के जलने से उठने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। दूसरी तरफ मरीजों को जरूरतमंद मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की यह मानसिकता काफी खतरनाक है। जिलाधिकारी ने जांच टीम गठित की है।
इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक डॉ. राजेश वर्मा ने बताया कि उन्हें भी दवाइयों के जलाए जाने के विषय में जानकारी हुई है। इस प्रकार का उन्होंने कोई आदेश नहीं दिया है। जलाई गई दवाइयों के अवशेष को वापस इकट्ठा करके सुरक्षित स्थान पर जमा कराया गया।
जिलाधिकारी गौरांग राठी ने मामले को संज्ञान में लिया है। उन्होंने कहा कि यह सरकारी संपत्ति की बर्बादी है। राजस्व की हानि भी हो रही है। इससे स्वास्थ्य को भी खतरा है। जांच के लिए टीम गठित की गई है। 3 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
03 Nov 2025 08:19 am
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