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फाईक एन्क्लेव पर अब बुलडोजर एक्शन 25 अवैध भवन चिह्नित, 60 को नोटिस, मुफ्त में मिली पीसीएस अफसर की कोठी भी जांच के घेरे में

अवैध निर्माण के सहारे शहर में “काला साम्राज्य” खड़ा करने वाले कॉलोनाइज़र मोहम्मद आरिफ पर अब कार्रवाई का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार-रविवार को उसके दो अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ध्वस्त किए जाने के बाद बरेली विकास प्राधिकरण ने उसके सबसे बड़े गढ़ फाईक एन्क्लेव को रडार पर ले लिया है।

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बरेली। अवैध निर्माण के सहारे शहर में “काला साम्राज्य” खड़ा करने वाले कॉलोनाइज़र मोहम्मद आरिफ पर अब कार्रवाई का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार-रविवार को उसके दो अवैध शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ध्वस्त किए जाने के बाद बरेली विकास प्राधिकरण ने उसके सबसे बड़े गढ़ फाईक एन्क्लेव को रडार पर ले लिया है। बीडीए की आंतरिक सर्वे रिपोर्ट में फाईक एन्क्लेव के 25 अवैध भवनों को चिह्नित करते हुए ध्वस्तीकरण आदेश पारित कर दिए गए हैं। वहीं 60 से अधिक भवन स्वामियों को नोटिस भेजकर 15 दिन के भीतर स्वीकृत मानचित्र प्रस्तुत करने को कहा गया है। मानचित्र न देने पर इन पर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तय मानी जा रही है।

बीडीए अफसरों का कहना है कि पीलीभीत बाइपास रोड पर आरिफ द्वारा विकसित की गई इस कॉलोनी में नियमों को खुली चुनौती दी गई। कई भवन बिना नक्शा स्वीकृत कराए खड़े कर दिए गए, जबकि कुछ निर्माण सीलिंग और सरकारी भूमि पर भी बताए जा रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर लंबे समय तक कार्रवाई सिर्फ जांच की फाइलों तक सिमटी रही, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ अब सख्त रुख अपनाया गया है। हाल के दिनों में “आई लव मुहम्मद” अभियान और 26 सितंबर की हिंसा के बाद प्रशासन ने तौकीर रजा के नजदीकियों की अवैध संपत्तियों पर भी कार्रवाई तेज की है, जिनमें फाईक एन्क्लेव की इमारतें प्रमुख रूप से शामिल हैं।

नक्शा नहीं दिया तो तय है बुलडोजर

बीडीए की टीम इस समय फाईक एन्क्लेव में डोर-टू-डोर आंतरिक सर्वे कर रही है। सर्वे में सामने आया कि कई भवन स्वामी नोटिस के बाद भी स्वीकृत मानचित्र उपलब्ध नहीं करा सके। इसी आधार पर 25 भवनों को अवैध घोषित किया गया है और उनके विरुद्ध ध्वस्तीकरण आदेश जारी कर दिए गए। 60 भवनों को अंतिम मौका देते हुए कहा गया है कि वे 15 दिन के भीतर नक्शा जमा करें, वरना कार्रवाई होगी।

सीलिंग जमीन कब्जे की फाइल फिर खुली

फाईक एन्क्लेव और फहम लान के मालिक आरिफ पर सीलिंग की भूमि पर कब्जा करने के दो मुकदमे पहले से दर्ज हैं। दोनों मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। पूर्व मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल की जांच में गाटा संख्या-367 में 3,589 वर्गमीटर सीलिंग भूमि और अन्य गाटा संख्याओं में भी सरकारी/सीलिंग जमीन होने की बात सामने आई थी। इस पर संबंधित लेखपाल द्वारा बारादरी थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन रसूख के चलते कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। अब वर्तमान मंडलायुक्त भूपेंद्र एस. चौधरी ने सरकारी भूमि से छेड़छाड़ पर कठोर कदम उठाने के संकेत दिए हैं और इसी क्रम में पुराने मामलों की फाइलें दोबारा खंगाली जा रही हैं।

दो एफआईआर, अलग-अलग गंभीर आरोप

आरिफ के खिलाफ एक और मामला 2023 का है, जिसमें सुभाषनगर के नेकपुर निवासी काशीनाथ ने बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि काशीनाथ ने फहम लान के पड़ोस में प्लॉट खरीदा और निर्माण शुरू किया तो आरिफ 7-8 गुर्गों के साथ पहुंचा। उसने कथित तौर पर माफिया अशरफ के साले सद्दाम का नाम लेकर निर्माण रुकवाया और 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी। रकम न देने पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी दर्ज है। इस केस में आरिफ, उसके बेटे फारिक, और फहम लान के मैनेजर धर्मेंद्र समेत अन्य के नाम एफआईआर में शामिल हैं।

दूसरा मामला 2024 का है, जब लेखपाल जय नारायण ने आरिफ समेत सात लोगों के खिलाफ सरकारी/सीलिंग भूमि पर कब्जा करने के आरोप में बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। एफआईआर में ऋषि वानी, पुष्या वानी, गुल वानी, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद शरीफ, नेत्रराम और द्वारिका को नामजद किया गया। कोर्ट के आदेश पर अब दोबारा इस मुकदमे की विवेचना शुरू हो गई है।

अफसर-गठजोड़ के आरोप, जांच की मांग

स्थानीय स्तर पर यह सवाल भी उठ रहा है कि आरिफ का अवैध नेटवर्क करीब 15 वर्षों तक कैसे फलता-फूलता रहा। क्षेत्र में चर्चा है कि कुछ प्रभावशाली लोगों और अफसरों से नजदीकियों के कारण कार्रवाई बार-बार धीमी पड़ती रही। इसी क्रम में एक पीसीएस अधिकारी से आरिफ की नजदीकी को लेकर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि फाईक एन्क्लेव में अफसर की कोठी भी है और उसे आरिफ ने मुफ्त उपलब्ध कराने जैसी सुविधा दी थी, जिसके बदले अवैध निर्माण पर वर्षों तक नरमी बरती गई।

दो दिन में दो मार्केट जमींदोज, आगे लिस्ट लंबी

बीते दो दिनों की कार्रवाई में आरिफ की 15-16 दुकानों वाली दो मंजिला अवैध मार्केट और अन्य व्यावसायिक ढांचे ध्वस्त किए गए हैं। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल, धारा 144, और यातायात नियंत्रण जैसी व्यवस्था रही।
बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए. मनिकंडन ए. पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि कार्रवाई पूरी तरह नियमानुसार है और अवैध निर्माण किसी भी हाल में बचेगा नहीं।

अब फाईक एन्क्लेव ही अगला बड़ा टारगेट

बीडीए की ताजा कार्रवाई से यह साफ है कि अब बुलडोजर सीधे फाईक एन्क्लेव की तरफ बढ़ रहा है। यदि नोटिस के बाद भी मानचित्र नहीं दिए गए तो आने वाले दिनों में यहां बड़े पैमाने पर ध्वस्तीकरण तय माना जा रहा है। प्रशासनिक हलकों में इसे अवैध निर्माण के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और निर्णायक अभियान माना जा रहा है।


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