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Bhagavad Gita Ke Niyam: मंदिर में किस दिशा में रखी जानी चाहिए भगवत गीता? यहां जानें सही जगह

Bhagavad Gita Ke Niyam: घर में भगवद्गीता रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर का माहौल शांत बना रहता है। बस इसे सही दिशा में रखने से इसका पूरा लाभ मिलता है।

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Bhagavad Gita Ke Niyam (pc: gemini generated)

Bhagavad Gita Ke Niyam (pc: gemini generated)

Bhagavad Gita Ke Niyam: भगवद्गीता कोई साधारण किताब नहीं है, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण का वह अमूल्य उपदेश है जो उन्होंने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में दिया था। यह किताब जीवन को सही दिशा देने वाली एक गाइड है। इसमें कर्म, धर्म, योग और जीवन के हर सवाल का जवाब मिलता है। माना जाता है कि जिस घर में भगवद्गीता रहती है, वहां हमेशा भगवान की कृपा बनी रहती है।

घर में गीता रखने से क्या फायदे होते हैं?

वास्तु और आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, घर में भगवद्गीता रखने से पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है। घर का वातावरण शांत रहता है, झगड़े कम होते हैं और मन में स्थिरता आती है। कई लोगों का मानना है कि गीता रखने से जीवन की छोटी-छोटी परेशानियां अपने आप दूर होने लगती हैं।

गीता रखने की सबसे सही दिशा कौन सी है?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवद्गीता रखने के लिए सबसे उत्तम स्थान उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) मानी जाती है। यह दिशा ज्ञान, बुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा मानी जाती है। अगर आपके घर में पूजा घर या स्टडी रूम इसी दिशा में है, तो वहीं गीता को रखें। एक लकड़ी की चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर, उस पर गीता रखें और रोज दीपक या अगरबत्ती जलाएं।

ईशान कोण उपलब्ध न हो तो क्या करें?

अगर उत्तर-पूर्व दिशा में जगह नहीं है, तो पूर्व दिशा भी एक अच्छा विकल्प है। यह सूर्योदय की दिशा है और इसे नई शुरुआत और नई सोच से जोड़ा जाता है। सुबह की धूप जिस दीवार पर पड़ती है, वहां गीता रखना शुभ माना जाता है।

इन जगहों पर कभी न रखें गीता

-भगवद्गीता को कभी भी दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें।

-गीता को बेड के नीचे या अलमारी में बंद करके न रखें।

-इसे बाथरूम, किचन या जूते-चप्पल के पास रखना भी गलत माना जाता है।

-गीता को कभी किताबों के ढेर में दबाकर धूल खाने न दें।

रोज का छोटा सा नियम

गीता को हमेशा साफ और ऊंची जगह पर रखें। रोज सुबह-शाम हाथ जोड़कर प्रणाम करें और अगर संभव हो तो एक श्लोक जरूर पढ़ें। ऐसा करने से घर में सुख-शांति और सकारात्मकता बनी रहती है।