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अहमदाबाद के इसनपुर तालाब के आसपास बड़ी कार्रवाई, 925 मकानों को गिराने का काम शुरू

अहमदाबाद का तीसरा बड़ा तालाब है इसनपुर, कड़ी सुरक्षा के बीच हटाए जा रहे हैं अतिक्रमण

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Ahmedabad: के चांडोला तालाब के बाद अहमदाबाद महानगरपालिका (मनपा) ने सोमवार सुबह से शहर की दूसरी सबसे बड़ी डिमोलिशन ड्राइव शुरू की है। इसनपुर तालाब पर पिछले लगभग 50 वर्षों से अतिक्रमण कर बनाए गए कच्चे पक्के मकानों और ढांचों को हटाने के लिए अहमदाबाद महानगरपालिका (मनपा) ने पुलिस बल और भारी मशीनरी के साथ अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया है। शहर के तीसरे सबसे बड़े इसनपुर तालाब के आसपास हो रही इस कार्रवाई से लगभग एक लाख वर्ग मीटर जगह खाली होगी। अभियान के तहत 925 मकानों को चिन्हित किया गया है। उन्हें गिराने का ज्यादातर काम पूरा हो गया है।

550 पुलिस कर्मचारियों की तैनाती, सभी जोन की टीम लगीमनपा की इस कार्रवाई में कोई व्यवधान ना आए इसके लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। 550 पुलिसकर्मी को तैनात किया है। इतना ही नहीं मनपा के एस्टेट विभाग के सभी जोन के कर्मचारियों की टीम को भी इस कार्य में शामिल किया है। तालाब क्षेत्र को पूरी तरह से घेरकर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। इससे पहले इसी क्षेत्र से 167 अतिक्रमण हटाए थे। इस बार का अभियान उससे बड़ा है। कार्रवाई की गंभीरता को ध्यान में रखकर यहां फायरब्रिगेड की गाडी भी तैनात की गई।

चार ब्लॉक में विभाजित कर कार्रवाई

महानगरपालिका के एस्टेट विभाग के अनुसार तालाब में किए गए अतिक्रमण को चार ब्लॉक में विभाजित कर हटाने का काम शुरू किया गया है। सोमवार सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक यह कार्रवाई चली। ये अतिक्रमण हटने से लगभग एक लाख वर्ग मीटर जगह खाली होने का अनुमान है। इस अतिक्रमण को हटाकर मलबे को दूर किया जाएगा और फिर तालाब का विकास कार्य होगा।

मनपा की चार जोन से बुलाईं 20 टीम

महानगरपालिका के एस्टेट विभाग के अनुसार मनपा के सात जोनों में से चार जोन से एस्टेट विभाग की 20 टीम इस कार्रवाई में बुलाईं गईं। इसमें 200 अधिकारी व अन्य विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में पुलिस बल भी बुलाया गया।

दीपावली से पहले दिए नोटिस, ज्यादातर ने किए खाली

मनपा के अनुसार इन निर्माणों में रहने वाले लोगों को दीपावली से पहले ही नोटिस देकर अतिक्रमणों को स्वेच्छा से हटाने के लिए कहा गया था। ज्यादातर ने इन जगहों को खाली कर दिया है। ये अतिक्रमण गत 20 नवंबर को हटाने थे लेकिन स्थानीय नागरिकों के अनुरोध पर चार दिन तक इसे टाला गया और सोमवार से इस कार्रवाई को शुरू किया गया।