रबी के सीजन में खाद की डिमांड बढ़ गई है। किसान चना के साथ गेंहू की बोनी की तैयारी में लग गए हैं, तो कुछ ने बोनी भी कर दी है। ऐसे में किसानों को डीएपी खाद की अति आवश्यकता है। दीपावली की छुट्टियां खत्म होते ही बुधवार को पहले दिन जिला विपणन कार्यालय के खाद वितरण केंद्र पर सुबह 5 बजे से किसानों की भारी भीड़ रही। केंद्र के सामने किसानों ने लाइन में अपने खेत की पावती व आधार कार्ड रख दिए थे। सुबह करीब 7 बजे कर्मचारी ने केंद्र के अंदर डीएपी खाद नहीं हैं का बोर्ड लगा दिया गया। यह देख किसानों के सब्र का बांध टूट गए। आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। डीएमओ श्वेता सिंह ने किसानों को समझाते हुए कहा कि अभी डीएपी नहीं हैं व्यवस्था करवाई जा रही है। लेकिन किसान नहीं माने और हंगामा करने लगे।
टोकन देने के बाद भी नहीं दी खाद
ग्राम टिगरिया में रहने वाले किसान धन्नालाल ने बताया कि 17 अक्टूबर को वह डीएपी खाद लेने डीएमओ गोडाउन आया था। डीएपी के लिए रुपए जमा कर उसे टोकन देकर कहा था कि 22 अक्टूबर को डीएपी ले जाना। आज आया तो पता चला की डीएपी नहीं हैं। मेरी तरह से अन्य किसान भी है जिन्हें टोकन देकर बुला लिया लेकिन डीएपी नहीं दिया।
डीएपी खाद नहीं है का बोर्ड लगा दिया
जामली सय्यैद गांव के रहने वाले दिव्यांग फुलचंद पाल का कहना है कि मैं 17 अक्टूबर को सुबह 9 से रात 9 बजे तक बैठा रहा लेकिन डीएपी खाद नहीं दिया। आज फिर से डीएपी खाद लेने आया हुं। लेकिन यहां अधिकारी बोल रहे की डीएपी नही हैँ। ग्राम डुल्हार निवासी गणेश कुशवाह का कहना है कि 17 अक्टूबर को कहा गया कि 2 हजार बोरी डीएपी खाद हैं। आज आए तो कहा गया कि डीएपी नहीं हैं। हम यही अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि दीपावली की छुट्टियों में जब कार्यालय व गोडाउन बंद थे तो 2 हजार डीएपी खाद कहां गया।
एक घंटे किया चक्काजाम
आक्रोशित किसानों ने डीएमओ के खाद वितरण केंद्र से निकलकर इंदौर नाके पर चक्काजाम कर दिया। इसकी जानकारी लगते ही एडीएम केआर बड़ोले, एसडीएम बजरंग बहादुर, सीएसपी अभिनव बारंगे, जिला कृषि अधिकारी, पदमनगर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रवीण आर्य और यातायात थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह परिहार मौके पर पहुंचे। एडीएम और एसडीएम ने समझाकर किसानों से चक्काजाम खत्म करवाया। इसके बाद खाद वितरण केंद्र से डीएपी खाद के लिए टोकन दिए गए।