नागौर. ए-ग्रेड श्रेणी में शामिल जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी आज भी सुरक्षा के बुनियादी मानकों से वंचित है। रोजाना करीब 30 करोड़ रुपये का व्यापार और सालाना 784.54 लाख रुपये का राजस्व होने के बावजूद मुख्य गेट सहित पूरे मंडी परिसर में आज तक एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया। सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, लेकिन निगरानी का आधुनिक सिस्टम शून्य है, लेकिन फिर भी ए-ग्रेड मंडी के लिए यह समस्रूा गंभीर बनी हुई है।
पूरे मंडी परिसर में कहीं कैमरे नहीं, चोरी की घटनाएँ बढ़ीं
यार्ड, गोदाम, दुकानें, नीलामी स्थल और मुख्य दोनों गेट—किसी भी हिस्से पर कैमरे नहीं लगे हैं। कई बार शातिर लोग जिन्सों की बोरियां उठाकर ले गए, लेकिन कैमरा न होने से कोई रिकॉर्ड नहीं मिल पाया। इसी वजह से कई आढ़तियों को अपने स्तर पर दुकानों में निजी सीसीटीवी कैमरे लगाने पड़े। मंडी में दोनों गेटों के खुले रहने से वाहनों एवं किसानों की आवाजाही तो बढ़ी है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था अत्याधुनिक संसाधनों से अब तक सज्जित नहीं की जा सकी है। विशेषज्ञों की माने तो लेकिन दोनों गेटों पर न तो कैमरे लगे हैं और न ही कोई डिजिटल मॉनिटरिंग व्यवस्था। खुले गेटों पर कैमरे न होना सुरक्षा में बड़ी चूक है। इसकी वजह से ए ग्रेड की मंडी पर सवालिया निशान लगने लगा है।
कृषि विपणन बोर्ड को भेजा था 40 कैमरों का प्रस्ताव, मंजूरी नहीं मिली
कृषि उपज मंडी प्रशासन ने पूरे परिसर में 40 सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव कृषि विपणन बोर्ड को भेजा था। इसमें दोनों मुख्य गेट, सभी ब्लॉक, सभी यार्ड, गोदाम, प्रमुख संवेदनशील स्थान आदि पर कैमरे लगाए जाने चाहिए थे।
ए-ग्रेड मानकों के अनुसार यह होनी चाहिए सुरक्षा
ए-ग्रेड कृषि मंडी में यह सभी व्यवस्थाएँ अनिवार्य मानी जाती हैं। इसी क्रम में नागौर जिला मुख्यालय की कृषि उपज मंडी में मुख्य गेट के अंदर-बाहर उच्च गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। सभी ब्लॉकों और यार्डों में कैमरे होने के साथ ही अलग से कंट्रोल रूम होना चाहिए। लगातार निगरानी के लिए रिकॉर्डिंग सिस्टम, जिससे एक बोरी तक बाहर जाती दिखे। सुरक्षा गार्डों की संख्या दोगुनी होनी चाहिए, लेकिन नागौर मंडी में इनमें से कोई भी व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं है।
मंडी की मौजूदा व्यवस्था पर एक नजर में
कुल दुकानें- 170
कुल ब्लॉक- 8
कुल खुले गेट- 2
कुल सुरक्षा गार्ड-16
मुख्य गेटों पर तैनात गार्ड- 4
नीलामी स्थल पर तैनात गार्ड- 2
वार्षिक राजस्व- 784.54 लाख रुपये
सीसीटीवी कैमरे- 0
क्या कहते हैं व्यापारी और जिम्मेदार अधिकारी
हर ब्लॉक में कैमरे और गार्ड हों तो चोरियों की घटनाएँ बंद हो जाएँगी। दोनों मुख्य गेटों पर कैमरे लगना बेहद जरूरी है।
भोजराज सारस्वत, संरक्षक, कृषि उपज मंडी व्यापार मंडल
कैमरे लग जाएँ तो विवाद और चोरी की समस्याएँ तुरंत नियंत्रित हो सकती हैं। सुरक्षा व्यवस्था तकनीकी रूप से मजबूत होनी चाहिए।
पवन भट्टड़, व्यापारी
सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात हैं। सीसीटीवी कैमरों के लिए भेजा गया प्रस्ताव लंबित है, जिसे जल्द मंजूर करवाने की कोशिश करेंगे।
रघुनाथराम सिंवर, सचिव, कृषि उपज मंडी