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दूरी की चिंता से दृ​ष्टिबा​धित मुक्त… चौहटन में ही देंगे परीक्षा

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के सदस्य सचिव हरिओम शर्मा अत्री (राजस्थान उच्च न्यायालय) ने खबरों पर स्व प्रसंज्ञान लिया तथा राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर, बालोतरा एवं बाड़मेर की संयुक्त कार्रवाई के बाद परीक्षा केंद्र बदल दिया गया। दृष्टिबाधित दिव्याग मनीषा जैन, योगेश जैन, हलीम खान एवं कल्पना चौधरी को दक्ष महाविद्यालय चौहटन में आवंटित परीक्षा केंद्र में परीक्षा के लिए नए प्रवेश पत्र जारी किए हैं, उनकी मांग के अनुरूप परीक्षा केंद्र आवंटित होने पर उनके चेहरों पर रौनक लौट आई है।

राजस्थान पत्रिका बनी मददगार, परीक्षा केन्द्र बदला

दृष्टि बाधित दिव्यागों को उनके घर से सौ किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र आवंटित करने को लेकर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर पर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने संज्ञान लिया है। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्रवाई के बाद जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय ने चार दिव्यांगों का परीक्षा केंद्र बदल दिया। अब चारों दृष्टि बाधित दिव्यांग दक्ष महाविद्यालय चौहटन में बने परीक्षा केंद्र में परीक्षा दे सकेंगे, यूनिवर्सिटी ने उन्हें नए प्रवेश पत्र जारी कर दिए हैं।

यह था मामला

राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर में चौहटन निवासी तीन दृष्टि बाधित बच्चों एवं एक विकलांग बच्चे को परीक्षा केन्द्र उनके घर से करीब 100 किलोमीटर दूर आवंटित किए जाने की पीड़ा जाहिर की थी, तथा दिव्यांग बच्चों के परीक्षा केन्द्र परिवर्तित करने के लिए मदद की गुहार की गई थी।

विधिक सेवा प्राधिकरण ने यों की मदद

राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोतरा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाडमेर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर महानगर ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा ने चौहटन स्थित पैरा लिगलवॉलेन्टियर की सहायता से चारों दिव्यांग बच्चों से सम्पर्क स्थापित कर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर की ओर से की जाने वाली विधिक सहायता के बारे में जानकारी दी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बालोतरा के सचिव सिद्धार्थ दीप, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बाडमेर के सचिव अंकुर गुप्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर महानगर के सचिव राकेश रामावत ने समन्वय स्थापित कर कार्रवाई की। उन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर से सम्पर्क कर उक्त चारों दिव्यांग बच्चों के एमए (स्नातकोत्तर) द्वितीय सेमेस्टर का परीक्षा केन्द्र चौहटन मुख्यालय पर ही स्थित दक्ष महाविद्यालय में परिवर्तित करवाया।