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गोपद नदी मे सक्रिय हुए कारोबारी, रातभर चल रहा रेत का काला कारोबार

अवैध उत्खनन से खोखली हो रही गोपद, नदी के किनारे बनाई गई डंपिंग साईट, टेंडरधारी कंपनी ने नहीं शुरू किया खदान संचालन, लेकिन अवैध उत्खनन चरम पर

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सीधी। मझौली विकासखंड के टिकरी अंचल में प्रवाहित गोपद नदी एक बार फिर रेत कारोबारियों की शिकार बन गई है। शासन की अनुमति के बिना और प्रशासन की आंखों के सामने अवैध रेत उत्खनन और परिवहन खुलेआम जारी है। रात होते ही नदी तट पर ट्रैक्टरों की कतार लग जाती है और पूरी रात रेत निकासी का खेल चलता रहता है।
जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में रेत खदान का टेंडर सहकार ग्लोबल कंपनी के नाम स्वीकृत है, लेकिन कंपनी ने अब तक खदान का संचालन शुरू नहीं किया है। इसी का फायदा उठाकर स्थानीय रेत कारोबारी सक्रिय हो गए हैं, जो रात के अंधेरे में नदी से रेत निकाल रहे हैं।

दिन ढलते ही लग जाती है टै्रक्टरों की कतार-
स्थानीय ग्रामीणों की माने तो दिन ढलते ही नदी में ट्रैक्टरों की कतार लग जाती है। हर रात 15 से 20 ट्रैक्टर नदी में उतारे जा रहे हैं, जो श्रमिकों के जरिए रेत भरकर किनारे डंप करते हैं। अगले दिन जेसीबी मशीनों से डंपिंग साईट से रेत बड़े ट्रकों में लोड कर परिवहन किया जा रहा है। इस तरह, अवैध कारोबारियों ने नदी किनारे अस्थायी डंपिंग ज़ोन बना रखा है।

खोखली हो रही नदी, जलीय जंतुओं को खतरा-
स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार अवैध उत्खनन से गोपद नदी की प्राकृतिक संरचना खतरे में है। रेत की परतें हटने से नदी की गहराई बढ़ रही है, जिससे तटबंध कमजोर हो रहे हैं और भविष्य में कटाव का खतरा बढ़ गया है। इसके बावजूद राजस्व, खनिज और पुलिस विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बेखबर बने हुए हैं। ग्रामवासियों ने आरोप लगाया कि शिकायतें करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती।

वर्जन-
मझौली और कुसमी अंचल में रेत के अवैध उत्खनन की शिकायतें मिल रही हैं, संयुक्त दल द्वारा दविश देकर कार्रवाई भी की जा चुकी है, विगत दिनों टिकरी में गोपद नदी के किनारे अवैध डंपिंग साइट को जब्त किया गया था। पुन: संयुक्त दल के साथ रात में दविश देकर कार्रवाई की जाएगी।
कपिलमुनि शुक्ला, खनिज अधिकारी सीधी