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“मैं अल्लाह-अल्लाह पुकारता रहा और…” शख्स ने सुनाई बांग्लादेश में आए भूकंप की खौफनाक आपबीती

बांग्लादेश में आज आए भूकंप ने हड़कंप मचा दिया है। इस वजह से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप के बाद कई लोगों ने अपने अनुभव शेयर किए हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Nov 21, 2025

Earthquake in Bangladesh

Earthquake in Bangladesh (Photo - ANI)

बांग्लादेश (Bangladesh) ढाका डिवीज़न (Dhaka Division) के नरसिंहदी (Narsingdi) शहर से 14 किलोमीटर वेस्टर्न साउथवेस्ट में आज सुबह आए 5.5 तीव्रता के भूकंप (Earthquake) से हड़कंप मच गया। इस भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर रही। भूकंप का झटका काफी तेज़ था जिससे कई घरों और इमारतों को नुकसान पहुंचा। लोग डरकर अपने घरों से बाहर भाग निकले। अब तक 6 लोगों की इस भूकंप के कारण मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं। बांग्लादेश में आए भूकंप का झटका कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य इलाकों में भी महसूस किया गया।

"मैं अल्लाह-अल्लाह पुकारता रहा और…"

नरसिंहदी मॉडल कॉलेज में मैथ्स डिपार्टमेंट के लेक्चरर सोहराब हुसैन ने इस भूकंप के दौरान अपना अनुभव शेयर किया। उसने कहा, "जब भूकंप आया तब मैं बिल्डिंग की छठी मंज़िल पर था। अचानक बिल्डिंग हिलने लगी, तो मैं अल्लाह-अल्लाह पुकारता रहा और बिल्डिंग हिलती रही। मुझे लगा कि यह मेरी ज़िंदगी का अंत हो सकता है और मैं ज़िंदा बाहर नहीं निकल पाऊंगा।"

"लुंगी-बनियान पहनकर घर से बाहर भागा"

नरसिंहदी साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर 34 साल के कौसर महमूद ने कहा, "जब भूकंप आया तो मैं ग्राउंड फ्लोर पर अपने घर में सो रहा था। अचानक से घर हिलने लगा तो मेरी नींद खुल गई और मैंने लोगों की चीखें सुनी। मैं सिर्फ लुंगी और बनियान पहनकर घर से बाहर भागा। मैं बहुत डर गया था। आस-पास के लोग इकट्ठा हो गए, जिससे अफ़रा-तफ़री मच गई। भूकंप के बाद भी मैं डरा हुआ हूं।"

"बेहद डरावना पल"

ढाका के पल्लबी के 60 साल के सैफुल आलम शमीम, जिसके शरीर का एक हिस्सा पैरालाइज़्ड है और पिछले 2 सालों से बिस्तर पर हैं ने कहा, "उस पल में दुआ करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। भूकंप का पल बेहद डरावना था। मेरे पास वहीं रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। मैंने अपनी ज़िंदगी में इतना ज़ोरदार झटका कभी महसूस नहीं किया।"

"मुझे लगा जैसे बिल्डिंग गिरने वाली है

ढाका के अडाबोर में रहने वाली 11 साल की जैयान हसन, भूकंप के समय सो रही थी। उसने कहा, "जब मेरा बिस्तर ज़ोर से हिला तो मुझे शुरू में लगा कि मैं कोई सपना देख रही हूं। जब मुझे समझ आया कि भूकंप आ रहा है, तो मैं अपनी दादी को बुलाने के लिए भागी। मुझे लगा जैसे बिल्डिंग गिरने वाली है। मेरे बगल वाली कांच की खिड़की ज़ोर से खड़खड़ा रही थी।"

"सीढ़ियों से नीचे भागी"

ढाका के इंदिरा रोड की स्टूडेंट आशना फाबियाना भूकंप के समय घर पर अकेली थी। उसने कहा, "अचानक से मुझे लगा कि ज़मीन हिल रही है और फिर पूरी बिल्डिंग हिलने लगी। जैसे ही ज़मीन हिलना बंद हुई, मैं सीढ़ियों से नीचे भागी और ग्राउंड फ्लोर पर चली गई।"