एफबीआई निदेशक काश पटेल (Photo-ANI)
Pride Flag: एफबीआई निदेशक काश पटेल के कार्यकाल में विवादास्पद फैसले का नया अध्याय जुड़ गया है। सीएनएन और एमएसएनबीसी की रिपोर्ट्स के अनुसार, काश पटेल ने 1 अक्टूबर को एक अनुभवी एफबीआई ट्रेनी को बर्खास्त कर दिया, केवल इसलिए क्योंकि उसने पिछले कार्यकाल में अपने डेस्क पर प्राइड फ्लैग लगाया था। यह घटना ट्रंप प्रशासन की एलजीबीटीक्यू+ विरोधी नीतियों का प्रतीक बन गई है, जहां राजनीतिक संकेतों को 'गलत निर्णय' ठहराया जा रहा है।
ट्रेनी सालों से एफबीआई में सेवा दे चुका था और इस दौरान उन्हें कई पुरस्कार भी मिले थे। वह क्वांटिको (वर्जीनिया) में न्यू एजेंट ट्रेनिंग पर था। लॉस एंजिल्स फील्ड ऑफिस में सहायता विशेषज्ञ के रूप में काम करते हुए वह विविधता कार्यक्रम समन्वयक भी था। वहां उसके डेस्क पर प्राइड फ्लैग लगा था, जो एलजीबीटीक्यू+ समुदाय का प्रतीक है।
पटेल के हस्ताक्षरित पत्र में फ्लैग का नाम तो नहीं लिया गया, लेकिन राजनीतिक संकेतों का अनुचित प्रदर्शन और गलत निर्णय का हवाला दिया गया। पत्र में लिखा, आप क्वांटिको में न्यू एजेंट ट्रेनी के पद से तत्काल बर्खास्त हैं और संघीय सेवा से हटाए जा रहे हैं।
पत्र ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनुच्छेद II शक्तियों का सहारा लिया, जो संघीय कर्मचारियों को बिना पारंपरिक प्रक्रिया के हटाने की अनुमति देता है। यह वही शक्ति है, जिसका इस्तेमाल हाल की अन्य बर्खास्तगियों में भी किया गया, जो अब अदालती चुनौतियों का सामना कर रही हैं।
दो वरिष्ठ एफबीआई अधिकारियों ने सीएनएन को बताया कि ऐतिहासिक रूप से डेस्क पर प्राइड फ्लैग लगाना ब्यूरो की नीति का उल्लंघन कभी नहीं माना गया। पूर्व निदेशक क्रिस्टोफर रे ने भी 2020 के विरोध प्रदर्शनों के दौरान घुटने टेकने को नीति उल्लंघन नहीं ठहराया था। लेकिन पटेल के नेतृत्व में हाल ही में 20 से अधिक एजेंट्स को इसी कारण बर्खास्त किया गया। यह बर्खास्तगी सरकारी शटडाउन के पहले दिन हुई, जब संघीय कर्मचारियों में पहले से ही अनिश्चितता व्याप्त थी।
ट्रंप के शपथग्रहण से पहले एफबीआई एजेंट्स और न्याय विभाग के अभियोजक एक-दूसरे को चेतावनी दे रहे थे कि एलजीबीटीक्यू+ समर्थन या यौन रुझान से जुड़ी कोई जानकारी साझा न करें। एमएसएनबीसी के अनुसार, ट्रंप समर्थक कर्मियों ने फाइलों की जांच शुरू कर दी है। पटेल ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त किया, जिन्होंने मुकदमा दायर कर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया। डेमोक्रेटिक सांसदों ने पटेल की कार्रवाई को 'निंदनीय' बताया।
Published on:
04 Oct 2025 06:16 pm
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