फ्रांस के प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने दिया इस्तीफा (Photo: IANS)
French PM Resigned: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के कार्यालय ने घोषणा की कि प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने सोमवार की सुबह सरकार गठन के कुछ ही घंटों बाद अपना इस्तीफा दे दिया है।
27 दिन के कार्यकाल के बाद लेकोर्नू के इस्तीफे ने उन्हें हाल के फ्रांसीसी इतिहास में सबसे कम समय पद पर रहने वाला प्रधानमंत्री बना दिया है। उन्होंने 9 सितंबर, 2025 को फ्रांस के नए प्रधानमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण किया था।
लेकोर्नु अब 1958 के बाद से सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति हैं।
मैक्रों ने उन्हें चार हफ्ते पहले ही नियुक्त किया था और रविवार की शाम को लेकोर्नू ने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया था। उनका मंत्रिमंडल उनके पूर्ववर्ती फ्रांस्वा बायरू के मंत्रिमंडल जैसा ही था। सरकार गठन के तुरंत बाद ही मतभेद स्पष्ट हो गए और सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर कई दलों के सदस्यों ने बदलाव की कमी पर संदेह और आलोचना व्यक्त की।
इस बीच दक्षिणपंथी रैसम्बलमेंट नेशनल (आरएन) के अध्यक्ष जॉर्डन बार्डेला ने तुरंत ही शीघ्र चुनावों का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “ चुनावों और नेशनल असेंबली को भंग किए बिना स्थिरता नहीं आ सकती।"
सेबेस्टियन लेकोर्नू ने सोमवार की सुबह राष्ट्रपति मैक्रों को अपना इस्तीफा सौंप दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, "सेबेस्टियन लेकोर्नू ने अपनी सरकार का इस्तीफ़ा फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति को सौंप दिया है और इसे स्वीकार कर लिया है।" लेकोर्नु दो वर्षों में मैक्रों के पांचवें प्रधानमंत्री बन गए।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक वामपंथी ला फ्रांस इनसोमिसे (एलएफआई) पार्टी के नेता जीन-ल्यूक मेलेंचन ने मैक्रों को पद से हटाने के लिए एक प्रस्ताव पेश करने की मांग की है। एलएफआई की एक प्रमुख सदस्य मथिल्डे पैनोट ने लेकोर्नू के इस्तीफे के बाद मैक्रों के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने एक्स पोस्ट में कहा, "उलटी गिनती शुरू हो गई है। मैक्रों को जाना ही होगा।"
सितंबर की शुरुआत में मैक्रों ने गहराते राजनीतिक संकट को कम करने के लिए ही 39 वर्षीय लेकोर्नु को अपने राष्ट्रपति कार्यकाल का सातवां प्रधानमंत्री नियुक्त किया। फ्रांसीसी राजनीति तब से उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है।
फ्रांसीसी दैनिक 'ली मोन्डे' के मुताबिक, लेकोर्नू के दो पूर्ववर्ती, बायरू और मिशेल बार्नियर बजट को लेकर काफी सवालों के घेरे में आए थे।
पिछले एक महीने से, लेकोर्नू ने मध्यमार्गी सहयोगियों और विपक्षी नेताओं, वामपंथी और दक्षिणपंथी, दोनों के साथ काफी मंथन किया। किसी भी पार्टी के पास अपने दम पर शासन करने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं हैं। अधिकांश वामपंथी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने की घोषणा की थी, और मरीन ले पेन की दक्षिणपंथी पार्टी ने भी समर्थन करने की धमकी दी थी।
(स्रोत-आईएएनएस)
Updated on:
06 Oct 2025 08:38 pm
Published on:
06 Oct 2025 03:48 pm
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