
भारत में बाढ़ (Photo - ANI)
ब्राज़ील (Brazil) में 10-21 नवंबर तक जलवायु संबंधित मामलों के विषय में COP30 शिखर सम्मेलन का आयोजन चल रहा है। यह ब्राज़ील के बेलेम (Belem) शहर में चल रहा है। इस सम्मेलन के दौरान जलवायु परिवर्तन से होने वाली आपदाओं पर जर्मन संस्था जर्मनवॉच ने अपनी क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स रिपोर्ट 2026 जारी की है। यह रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। रिपोर्ट के अनुसार 1995 से 2024 के बीच दुनियाभर में 9,700 से ज़्यादा मौसम की चरम घटनाओं से 8.32 लाख लोगों की मौत हुई और 5.7 अरब लोग प्रभावित हुए। इन आपदाओं की वजह से कुल आर्थिक नुकसान 4.5 ट्रिलियन डॉलर्स से ज़्यादा रहा। आपदाओं से प्रभावित टॉप-10 देशों में भारत (India) का भी स्थान है।
| रैंक | देश |
| 1. | डोमिनिका |
| 2. | म्यांमार |
| 3. | होंडुरास |
| 4. | लीबिया |
| 5. | हैती |
| 6. | ग्रेनेडा |
| 7. | फिलीपींस |
| 8. | निकारगुआ |
| 9. | भारत |
| 10. | बहामास |
रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया की करीब 40% आबादी उन 11 देशों में रहती है जो पिछले 30 सालों में चरम मौसम से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। इनमें भारत (9वां) और चीन (11वां) भी शामिल हैं।
भारत इस लिस्ट में 9वें स्थान पर रहा। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत बार-बार आने वाली बाढ़, चक्रवात, सूखा और लू जैसी आपदाओं से लगातार प्रभावित होता है। 30 सालों में भारत में 430 से ज़्यादा चरम मौसमी घटनाएं हुई हैं। इनमें 80,000 से ज़्यादा लोगों की जान गई और करीब 1.3 बिलियन लोग प्रभावित हुए।
लंबे समय से टॉप 10 प्रभावित देशों में कोई भी अमीर देश नहीं है। 2024 में सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देशों में से 8 देश निम्न या निम्न-मध्यम आय वर्ग के हैं। इससे यह साफ है कि जो देश जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे कम ज़िम्मेदार हैं, वो ही इसके सबसे बड़े शिकार बन रहे हैं।
वैश्विक स्तर पर तूफान, बाढ़, लू और सूखा सबसे विनाशकारी आपदाएं रहीं। इन आपदाओं की वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ।
Updated on:
13 Nov 2025 10:15 am
Published on:
13 Nov 2025 10:11 am
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