पाक सेना चीफ असीम मुनीर( Photo-ANI)
पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी सेना का अत्याचार अब संयुक्त राष्ट्र तक तक पहुंच गया है।
पीओजेके के राजनीति दलों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से मांग की है कि यूएन तुरंत यहां दखल दे और जनता को पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से बचाए।
यहां बुनियादी जरूरतों और सब्सिडी में कटौती के विरोध में 29 सितंबर से चल रहे प्रदर्शन में अब तक 12 लोग मारे जा चुके हैं।
पीओजेके की पार्टी यूकेपीएनपी ने स्विटजरलैंड के जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद 60वें सेशन में इस मुद्दे को उठाया।
यूकेपीएनपी ने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीरियों को मारने, हमारी जमीन और हमारे संसाधनों पर कब्जा करने, हमारे लोगों पर अत्याचार करने और उन्हें खत्म करने का कोई हक नहीं है।
यूकेपीएनपी के प्रवक्ता सरदार नासिर अजीज खान ने कहा कि कई लोग गायब हैं, लेकिन अब जो हो रहा है, उससे लोग अपनी जान को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि 29 सितंबर से अब तक 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
नासिर ने कहा, पाकिस्तान यहां के लोगों पर क्रूर बल प्रयोग कर रहा है और प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चला रहा है, जिससे लोग मारे जा रहे हैं। सैकड़ों लोग जेल में हैं और उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा है।
पीओजेके में एक हफ्ते से जारी विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बाद पाकिस्तान सरकार झुकती नजर आ रही है। पीएम शहबाज शरीफ ने 8 सदस्यीय वार्ताकार समिति को पीओजेके के भेजा है।
इनमें पाक मंत्रियों के अलावा पीओजेके के प्रधानमंत्री चौधरी अनवरुल हक भी है। यह समिति आंदोलन का नेतृत्व कर रही जेकेजेएएसी के प्रतिनिधियों से बात कर रही है। हालांकि अभी वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पह़ुंची।
इस्लामाबाद के प्रेस क्लब के बाहर पीओजेके में अत्याचारों और इंटरनेट ब्लैकआउट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों और आम लोगों पर गुरुवार को पुलिस ने हमला कर दिया।
हालांकि इस घटना का पूरे देश में विरोध के बाद गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने माफी मांगी और जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना से जुड़े कई वीडियो वायरल हैं जिनमें पुलिस पत्रकारों पर लाठियां चला रही है।
पीओजेके के हालात पर भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की तरफ से निर्दोष नागरिकों पर बर्बरता की खबरें देखी हैं।
यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन इलाकों से संसाधनों की व्यवस्थित लूट का स्वाभाविक परिणाम है, जो उसके जबरन और अवैध कब्जे में हैं।
Published on:
04 Oct 2025 07:26 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग