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आरएसएफ का बड़ा फैसला, सूडान में 3 महीने के एकतरफा मानवीय युद्धविराम का किया ऐलान

Sudan Conflict: सूडान में चल रहा युद्ध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी बीच देश की पैरामिलिट्री आरएसएफ ने एक बड़ा फैसला लिया है।

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भारत

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Tanay Mishra

Nov 25, 2025

RSF fighters

RSF fighters (Photo - Washington Post)

सूडान (Sudan) में सेना और अर्धसैनिक बल (पैरामिलिट्री) रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ - आरएसएफ (Rapid Support Forces - RSF) के बीच 15 अप्रैल 2023 को युद्ध शुरू हुआ था और यह युद्ध अभी भी जारी है। दोनों पक्ष एक-दूसरे के कब्ज़े वाले इलाकों पर हमले करते रहते हैं। सूडान में चल रहे इस युद्ध के कारण अब तक हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं। लाखों लोग इस युद्ध की वजह से अपना घर गंवाकर विस्थापित हो गए हैं। लगातार चल रहे युद्ध की वजह से सूडान में खाने का संकट भी काफी गंभीर हो गया है, जिससे कुपोषण भी फैल रहा है। सूडान में ज़्यादातर हमले आरएसएफ की तरफ से किए जाते हैं, लेकिन अब देश की पैरामिलिट्री ने एक बड़ा फैसला लिया है।

आरएसएफ का बड़ा ऐलान

आरएसएफ ने सूडान में 3 महीने के एकतरफा मानवीय युद्धविराम का ऐलान किया है। आरएसएफ कमांडर मोहम्मद हमदान दागलो, जिसे हेमेदती के नाम से जाना जाता है, ने वीडियो मैसेज जारी करते हुए कहा कि यह युद्धविराम तत्काल प्रभाव से लागू होगा। 3 महीने के इस युद्धविराम के दौरान आरएसएफ के लड़ाके किसी तरह का कोई हमला नहीं करेंगे।

किस वजह से लिया फैसला?

आरएसएफ ने सूडान में नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने और मानवीय सहायता की आपूर्ति में बाधा न आए, यह बात ध्यान रखते हुए 3 महीने के एकतरफा मानवीय युद्धविराम को लागू करने का फैसला लिया है।

स्थायी युद्धविराम की दिशा में अहम कदम

आरएसएफ की तरफ से 3 महीने के एकतरफा मानवीय युद्धविराम के फैसले से सूडान में शांति स्थापना के प्रयासों को गति मिल सकती है। देश में स्थायी युद्धविराम की दिशा में भी आरएसएफ का यह फैसला एक अहम कदम है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आरएसएफ के इस फैसले की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इससे देश में हालात सुधरेंगे।

सेना की तरफ से नहीं आई प्रतिक्रिया

आरएसएफ के 3 महीने के एकतरफा मानवीय युद्धविराम के फैसले पर अब तक सूडान की सेना की तरफ से प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि सूडान की सेना देश में युद्धविराम के अमेरिकी प्रस्ताव को पहले ही ठुकरा चुकी है। हालांकि यह उम्मीद जताई जा रही है कि आरएसएफ के इस कदम से सूडान की सेना को कोई आपत्ति नहीं होगी।