
Sheikh Hasina (Photo - ANI)
Sheikh Hasina sentenced: ढाका की एक अदालत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में करारा (Sheikh Hasina Sentence) झटका दिया है। गुरुवार को विशेष न्यायाधीश मोहम्मद अब्दुल्लाह अल मामून ने प्लॉट धोखाधड़ी के तीन अलग-अलग मामलों में उन्हें हर केस में सात-सात साल की सजा सुनाई, जो कुल मिलाकर 21 साल की कैद बनती है। यह फैसला पुर्बाचल न्यू सिटी प्रोजेक्ट (Purbachal Plot Scam) में सरकारी जमीनों के कथित गैर-कानूनी आवंटन से जुड़ा हुआ है। ध्यान रहे कि बांग्लादेश के भ्रष्टाचार रोकथाम आयोग ( ACC) ने जनवरी 2025 में हसीना और उनके परिवार के खिलाफ छह केस (Bangladesh Corruption Case) दर्ज किए थे। इनमें ढाका के पुर्बाचल इलाके में 30 कट्ठा सरकारी जमीन का बिना आवेदन किए आवंटन करने का आरोप है। अदालत ने कहा कि यह आवंटन कानूनी सीमा से बाहर था। बाकी तीन मामलों का फैसला एक दिसंबर को आएगा। इधर हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय पर पांच साल की सजा और एक लाख टाका (बांग्लादेशी मुद्रा) का जुर्माना लगाया गया है, जबकि बेटी साइमा वाजेद पुतुल को भी पांच साल की कैद मिली। कुल 23 आरोपी थे, जिनमें से 19 को अलग-अलग सजाएं हुईं।
हसीना और परिवार फरार हैं, इसलिए अदालत में कोई वकील नहीं था। वे भारत में शरण लिए हुए हैं। हसीना ने अपने भाषणों में इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। इससे पहले, बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने जुलाई 2024 के छात्र आंदोलनों को कुचलने के लिए उन्हें मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। यह सजा भी अनुपस्थिति में दी गई थी।
भारत ने इस मामले में सतर्क रुख अपनाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि ढाका से प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध मिला है और इसकी जांच चल रही है। उन्होंने जोर दिया कि भारत बांग्लादेश की स्थिरता, शांति और लोकतंत्र के हित में काम करेगा। जायसवाल ने कहा, "हम बांग्लादेश के लोगों के भले के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी हितधारकों से सकारात्मक संवाद जारी रखेंगे।"
यह घटनाक्रम जुलाई 2024 के बड़े विद्रोह से जुड़ा हुआ है, जब छात्रों ने नौकरी कोटे के खिलाफ प्रदर्शन किया। हसीना सरकार ने इसे दबाने की कोशिश की, जिससे हिंसा भड़की और हसीना 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ कर भारत आ गईं। उसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार बनी। विशेषज्ञों का मानना है कि ये केस राजनीतिक बदले का रूप ले सकते हैं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया मजबूत बनाने का भी संकेत देते हैं।
बहरहाल, हसीना की सत्ता में 15 साल रही अवधि आर्थिक विकास के साथ-साथ भ्रष्टाचार और दमन के आरोपों से ग्रस्त रही। अब यह सजा उनके राजनीतिक सफर पर एक बड़ा धब्बा है। बांग्लादेश में विपक्षी दल इसे न्याय की जीत बता रहे हैं, जबकि समर्थक इसे अन्याय करार दे रहे हैं।
Updated on:
27 Nov 2025 01:48 pm
Published on:
27 Nov 2025 01:47 pm
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