
शेख हसीना, बांग्लादेश की पूर्व पीएम (फोटो-IANS)
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (आईसीटी) ने निहत्थे नागरिकों पर गोली चलाने और मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि शेख हसीना और उनके सहयोगियों के आदेशों पर ही मानवता के खिलाफ अपराध अंजाम दिए गए। हालांकि अभी तक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है कि ये सजा कब होगी। अब शेख हसीना के पास क्या विकल्प है? वे मौत की सजा के खिलाफ कहां अपील कर सकती हैं?
आपको बता दें कि शेख हसीना एक साल से भारत में रह रही हैं। एक साल पहले 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश में छात्रों का विद्रोह होने के बाद हालात खराब हो गए थे, इसके बाद उनको देश छोड़कर भागना पड़ा था। बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को आईटीसी ने मानवता के विरुद्ध अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई है। विदेशी मीडिया के अनुसार, जुलाई-अगस्त 2024 के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और हत्याओं के लिए आईसीटी ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई। हालांकि, शेख हसीना आईसीटीबीडी के फैसले के खिलाफ केवल बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट (अपील डिवीजन) का ही दरवाजा खटखटा सकती हैं।
माना जा रहा है कि शेख हसीना मौत की सजा के खिलाफ अपील कर सकती हैं। ICT एक्ट 1973 की धारा 21 के अनुसार, उन्हें बांग्लादेश में ही घरेलू अपील करनी होगी। यह अपील कोर्ट के आदेश के 60 दिनों के भीतर करनी होती है। फैसले के दो महीनों के अंदर हसीना को बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट की अपीलीय डिवीजन में अपील दायर करनी होगी। उन्हें यह अपील अपने वकीलों के माध्यम से दायर करनी होगी।
बता दें कि शेख हसीना के अलावा दो अन्य, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर मानवता के विरुद्ध अपराधों का केस चला था। अदालत ने शेख हसीना को तीन मामलों में दोषी ठहराया है, जिनमें न्याय में बाधा डालना, हत्याओं का आदेश देना, और दंडात्मक हत्याओं को रोकने के लिए कदम उठाने में असफल रहना शामिल है।
Updated on:
17 Nov 2025 03:57 pm
Published on:
17 Nov 2025 03:36 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
