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शी जिनपिंग की शिनजियांग यात्रा पर WUC का हंगामा: क्या यह दमन छिपाने का प्रोपेगैंडा है ?

Xinjiang Repression: विश्व उइगर कांग्रेस ने शी जिनपिंग की शिनजियांग यात्रा को उइगरों पर दमन छिपाने का प्रोपेगैंडा बताया है।

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भारत

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MI Zahir

Sep 26, 2025

xi jinping

xi jinping (फोटो सोर्स- ANI)

Xinjiang Repression: विश्व उइगर कांग्रेस (WUC) ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शिनजियांग यात्रा (Xinjiang Repression) को प्रोपेगैंडा करार देते हुए तीखी आलोचना की है। शी मंगलवार को उरुमची (Xi Jinping Visit)पहुंचे थे, जहां उन्होंने शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र की 70वीं वर्षगांठ मनाई। डब्ल्यूयूसी ने इसे उइगरों पर हो रहे अत्याचारों को छिपाने की कोशिश बताया। निर्वासित उइगर समुदाय का कहना है कि यह आयोजन मानवाधिकारों के उल्लंघन को ढंकने का एक नाटक मात्र है। चीनी सरकारी मीडिया ने शी जिनपिंग(Xi Jinping) के स्वागत को भव्य बताया, जिसमें उइगर नर्तकों और झंडे लहराते बच्चों ने हिस्सा लिया, लेकिन डब्ल्यूयूसी (World Uyghur Congress) का कहना है कि यह चमक-दमक उइगरों की दयनीय स्थिति छिपाती है। उइगर समुदाय सामूहिक हिरासत, जबरन श्रम, कड़ी निगरानी, परिवारों के बिछड़ने और सांस्कृतिक पहचान के खात्मे का सामना कर रहा है। यह आयोजन हकीकत और दिखावे के बीच गहरा अंतर उजागर करता है।

शी के नारे और डब्ल्यूयूसी का जवाब

अपने भाषण में शी जिनपिंग ने स्थिरता, विकास और जातीय एकता की बात की। लेकिन डब्ल्यूयूसी ने इन नारों को खोखला बताया। संगठन का कहना है कि ये शब्द उइगरों पर भय, जबरन श्रम और सांस्कृतिक विनाश की नीतियों में बदल जाते हैं। डब्ल्यूयूसी के अध्यक्ष तुर्गुंजन अलाउदुन ने कहा, "यह उत्सव नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराधों को छिपाने की साजिश है।"

श्वेत पत्र पर उठे सवाल

यात्रा से पहले 19 सितंबर को चीन ने एक श्वेत पत्र जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि शिनजियांग में उइगरों की खुशी और समृद्धि बढ़ी है। इस दस्तावेज में आर्थिक विकास, पर्यटन और कानून के शासन की बात थी। लेकिन मानवाधिकार संगठनों ने इसे प्रोपेगैंडा करार दिया। उनका कहना है कि यह कागजी दावा जबरन आत्मसात्करण और निगरानी की नीतियों को छिपाता है। उइगर मानवाधिकार परियोजना ने इसे उत्पीड़न को ढंकने की चाल बताया।

वैश्विक समुदाय से कार्रवाई की मांग

डब्ल्यूयूसी ने दुनिया भर की सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से चीन के दावों को खारिज करने की अपील की है। संगठन ने 2022 की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें शिनजियांग में गंभीर उल्लंघनों का खुलासा हुआ था। डब्ल्यूयूसी ने उइगरों और अन्य तुर्क समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस वैश्विक कदम उठाने की मांग की है।

शिनजियांग में दमन का लंबा इतिहास

शिनजियांग में उइगरों पर दशकों से दमन हो रहा है। पश्चिमी देशों ने इसे नरसंहार करार दिया है, और अमेरिका ने 2021 में इसे मानवता के खिलाफ अपराध बताया। जबरन श्रम रोकने के लिए कई देशों ने कदम उठाए हैं। शी की यह यात्रा ऐसे समय में हुई, जब वैश्विक स्तर पर चीन की नीतियों की आलोचना तेज हो रही है।

उइगरों के लिए न्याय की पुकार

बहरहाल शी जिनपिंग की शिनजियांग यात्रा ने उइगर दमन को फिर से सुर्खियों में ला दिया। डब्ल्यूयूसी का विरोध इस बात का सबूत है कि उइगरों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। वैश्विक समुदाय को अब इस उत्पीड़न के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करनी होगी, ताकि उइगरों को न्याय और आजादी मिल सके।(एएनआई)