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बहराइच नाव हादसा : दो शव और मिले, 6 लोग अभी भी लापता

बहराइच जिले के सुजौली थाना क्षेत्र के कौड़ियाला नदी में 29 अक्टूबर को नाव हादसा हो गया था। इस नाव में 22 लोग सवार थे। 13 लोगों को सकुशल बचा लिया गया था। वहीं एक महिला की उशी दिन मौत हो गई थी। दो शव आज रविवार को बरामद हुए।

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शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाते हुए, PC- IANS

बहराइच : बहराइच जिले के सुजौली थाना क्षेत्र के कौड़ियाला नदी में हुए नाव हादसे के बाद रविवार को रेस्क्यू टीम को दो अन्य शव मिले। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम ने नदी से एक महिला और एक पुरुष का शव बरामद किया। मृतकों की पहचान महिला सुमन और नाविक शिवनंदन के रूप में हुई है।

दोनों शव घटनास्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर, लखीमपुर जिले के लालपुर और सुजानपुर इलाके में मिले। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

बुधवार देर शाम भरथापुर घाट पर नाव पलटने से 22 लोग नदी में गिर गए थे। इनमें से 13 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था, जबकि एक महिला का शव उसी रात बरामद हुआ था। पांच बच्चों समेत आठ लोग लापता थे, जिनमें से अब दो के शव बरामद हो चुके हैं। प्रशासन लगातार लापता लोगों की तलाश में जुटा हुआ है।

29 अक्टूबर को हुआ था हादसा

वहीं, 29 अक्टूबर की रात हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद से आठ लोग लापता थे। हादसे के बाद से ही नदी में लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लापता आठ लोगों में से दो के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि छह लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों की टीमें लगातार नदी में तलाशी अभियान चला रही हैं।

वहीं, रविवार दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहराइच पहुंचे और नाव दुर्घटना में अपनों को खोने वाले पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और प्रत्येक परिवार को चार-चार लाख रुपए की राहत राशि के चेक सौंपे।

एक माह के भीतर विस्थापित होंगे प्रभावित परिवार

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भरथापुर के प्रभावित परिवारों को एक माह के भीतर सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए। इसके लिए 21 करोड़ 55 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।

मुख्यमंत्री ने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों को राहत राशि के साथ-साथ जमीन और आवास की सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए स्थानीय स्तर पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा भी की जाए।