
वन्यप्राणी कछुए की तस्करी के आरोप में नौ आरोपी गिरफ्तार
वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी सा. की टीम ने कछुए की तस्करी के आरोप में नौक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें शनिवार को लांजी न्यायालय में पेश किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कछुओं पर तंत्र साधना कर पैसो की छड़ती करने की मंशा से उन्होंने कछुए पकड़े थे। वन विभाग ने इस तरह के अंधविश्वास में आकर वन्य प्राणियों से छेड़छाड़ व तस्करी नहीं करने की भी अपील की है।
वन विभाग के अनुसार ग्राम पौनी में मुखबीर की सूचना पर 21 नवंबर को रात्रि वन अमले ने कोसमारा से लांजी मार्ग में नाकेबंदी कर एवं चौपहिया वाहन को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान वन्यप्राणी कछुआ 02 नग जीवित अवस्था में जब्त किए गए। जो वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 में अपराध बंदी रखना की श्रेणी में आता है। इस मामले में नौ आरोपियों में चैनलाल पिता गोंदीलाल ठाकरे (56) पानगांव किरनापुर, राजेश पिता पांडुरंग बावने (40) लोहारा किरनापुर, श्रीराम पिता गुलाबचंद नागेश्वर (36) टेमनी लांजी, विष्णु पिता राधेलाल बिसेन (44) बिलगांव लांजी, राजाराम पिता दशरथ मेश्राम (60) लोहारा किरनापुर, आशीष पिता दिलिप मंडलेकर (26) पलेरा किरनापुर, दीपक पिता रमेशसिंह चौहान (31) टेमनी लांजी, ससेन्द्र पिता सुरेन्द्र सिंह चन्देल (21) टेमनी लांजी, कोमल पिता सुरजलाल घोरमार (26) किरनापुर हिरासत लेकर पुछताछ हेतु वन परिक्षेत्र कार्यालय पश्चिम लांजी सा लाया गया। इस घटना का भारतीय वन्यप्राणी संरक्षण अधिनयम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय प्रथम श्रेणी लांजी में प्रस्तुत किया गया।
वन विभाग द्वारा अपील की गई है कि वन्यप्राणी भी इंसानों की ही तरह जीव है। इनसे किसी भी प्रकार की तंत्र क्रिया, धनवर्षा नहीं हो सकती। कुछ कथा कथित बाबाओं द्वारा अपनी दुकान चलाने के लिए इस प्रकार के प्रलोभन दिए जाते हैं। इसके बहकावे में न आए व अपराधी न बने।
Published on:
24 Nov 2025 04:14 pm
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