
कर्नाटक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज व्याख्याता संघ ने सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। संघ के अध्यक्ष निंगेगौड़ा ए.एच. ने बताया कि सरकार ने 2025-26 शैक्षणिक वर्ष की द्वितीय पीयू परीक्षा मूल्यांकन के लिए व्याख्याताओं को दिए जाने वाले 13.5 करोड़ रुपए के मानदेय का अब तक भुगतान नहीं किया है।
उन्होंने कहा, सरकार को 1,908 व्याख्याताओं को परीक्षा मूल्यांकन का पैसा देना बाकी है। हम 7 नवंबर को राज्य के सभी 31 जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को पत्र सौंपकर अपनी मांगें प्रस्तुत करेंगे। अगर सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानीं, तो 20 दिनों के भीतर बेंगलूरु के फ्रीडम पार्क में एक दिन का विरोध प्रदर्शन करेंगे।
पढ़ाई और परीक्षा दोनों एक साथ संभालना भारी बोझ
निंगेगौड़ा ने शिक्षा विभाग की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि विभाग ने कॉलेज व्याख्याताओं या प्राचार्यों से परामर्श किए बिना ही द्वितीय पीयू छात्रों के लिए तीन बार अंतिम परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।
जून में तीसरे चरण की परीक्षा होती है और उसी समय नई प्रथम पीयू के छात्रों को द्वितीय पीयू में पदोन्नत किया जाता है। ऐसे में पढ़ाई और परीक्षा दोनों एक साथ संभालना भारी बोझ बन गया है।
मानसिक दबाव
उन्होंने कहा, नए बैच के लिए सुधारात्मक कक्षाओं का दबाव भी बढ़ा है। अन्य किसी राज्य या बोर्ड में तीन बार परीक्षा नहीं होती है। पहले व्याख्याताओं को गर्मियों में 45 दिन और दशहरा पर 15 दिन की छुट्टियां मिलती थीं, लेकिन अब लगातार परीक्षाओं और कक्षाओं के कारण कोई अवकाश नहीं मिल रहा है। इससे मानसिक तनाव भी बढ़ रहा है।
Published on:
06 Nov 2025 06:16 pm
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