Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सबरीमला तीर्थयात्रियों को ‘ब्रेन-ईटिंग अमीबा’ से सावधान रहने की जरूरत

नेगलेरिया फाउलेरी एक स्वतंत्र जीवित अमीबा है जो मुख्य रूप में गर्म, मीठे पानी, जैसे—खड़े पानी वाले तालाब, स्विमिंग पूल और झीलों में पाया जाता है। कई बार यह मिट्टी में भी पाया जाता है।

less than 1 minute read
Google source verification
Brain Eating Amoeba

Brain Eating Amoeba

केरल Karala में नेगलेरिया फाउलेरी (ब्रेन-ईटिंग अमीबा) brain-eating amoeba के कारण होने वाले अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस Amoebic meningoencephalitis के मामलों के बाद कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग Karnataka Health Department ने सबरीमला तीर्थयात्रियों Sabarimala pilgrims के लिए सुरक्षा सलाह जारी की है। विभाग ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान अपने स्वास्थ्य को लेकर विशेष सतर्कता बरतें और संक्रमण को रोकने के लिए जरूरी सावधानियों का पालन करें।

सलाह के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी एक स्वतंत्र जीवित अमीबा है जो मुख्य रूप में गर्म, मीठे पानी, जैसे—खड़े पानी वाले तालाब, स्विमिंग पूल और झीलों में पाया जाता है। कई बार यह मिट्टी में भी पाया जाता है। यह संक्रमण व्यक्ति-से-व्यक्ति या दूषित पानी पीने से नहीं फैलता। सावधानी और जागरूकता से इस खतरनाक संक्रमण से बचाव संभव है।

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि यह अत्यधिक विषैला सूक्ष्मजीव पानी के माध्यम से नाक में प्रवेश करने पर मस्तिष्क तक पहुंच सकता है और अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक एक दुर्लभ और घातक बीमारी का कारण बन सकता है। इसलिए तीर्थयात्रियों को सलाह है कि रूके हुए पानी में नहाते समय नाक में पानी जाने से बचें और नाक पर क्लिप लगाएं या नाक को अच्छी तरह बंद रखें।

गर्म मौसम में जब पानी का स्तर कम होता है, तो तालाबों और झीलों में जाने से बचें।यदि पानी के संपर्क में आने के सात दिनों के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, मतली, उल्टी, गर्दन में अकडऩ, भ्रम, मानसिक स्थिति में बदलाव या व्यवहार संबंधी लक्षण दिखाई दें, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल या चिकित्सक से आपातकालीन उपचार लें।