
पत्रिका फाइल फोटो
Rajasthan Politics: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को मिली हार के बीच पार्टी के अंदरूनी कलह की खबरें सामने आ रही हैं। छबड़ा सीट से सात बार के विधायक और राजस्थान BJP के दूसरे सबसे वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह सिंघवी ने चुनाव से ठीक चार दिन पहले, 7 नवंबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र लिखा।
इस पत्र में सिंघवी ने अपने गृह जिले बारां की अंता सीट पर हो रहे उपचुनाव में खुद को झेलनी पड़ी उपेक्षा और अपमान की पीड़ा विस्तार से बयां की। जिससे पार्टी के अंदरूनी मतभेद उजागर हो गए हैं।
सिंघवी ने पत्र में स्पष्ट शब्दों में लिखा कि वे राजस्थान में BJP के दूसरे सबसे सीनियर विधायक हैं, फिर भी अंता उपचुनाव में उन्हें पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। उन्होंने शिकायत की कि स्टार प्रचारकों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं किया गया, जबकि दो कनिष्ठ विधायकों को इस सूची में जगह दी गई।
सिंघवी ने बताया कि इस बारे में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को भी अवगत कराया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं, चुनाव समिति में उन्हें शामिल तो किया गया, लेकिन कोई जिम्मेदारी सौंपी नहीं गई। यहां तक कि विजय संकल्प यात्रा के विज्ञापन में भी उनका फोटो और नाम तक नहीं दिया गया। पत्र के अंत में सिंघवी ने केंद्रीय नेतृत्व से मार्गदर्शन मांगा और इस उपेक्षा पर सवाल उठाए।
अंता उपचुनाव में BJP की हार के बाद सिंघवी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सिंघवी पार्टी लाइन पर चलते हुए हार के कारणों को लेकर कहा कि BJP सरकार द्वारा विगत दो वर्षों में प्रदेश में किए गए व्यापक और लोकोपकारक कार्यों को कार्यकर्ताओं द्वारा अंता की जनता तक पूर्ण रूप से न पहुंचा पाने के कारण यह अनिच्छित परिणाम प्राप्त हुआ है।
सिंघवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि देश और प्रदेश में अनेक कल्याणकारी योजनाएं प्रभावी रूप से संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि हाड़ौती क्षेत्र BJP का सुदृढ़ गढ़ रहा है, इसलिए इस हार से कार्यकर्ताओं के उत्साह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में सभी जनसेवा के कार्य में सतत सक्रिय रहेंगे।
बताते चलें कि यह मामला अंता उपचुनाव के दौरान BJP में चल रही जर्बदस्त अंदरूनी खींचतान को उजागर करता है। क्योंकि BJP ने यहां कड़ा मुकाबला किया, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। सिंघवी जैसे वरिष्ठ नेता की उपेक्षा ने पार्टी के स्थानीय स्तर पर असंतोष को उजागर किया है। सिंघवी इलाके के प्रभावशाली नेता हैं और छबड़ा से लगातार सात बार जीत दर्ज कर चुके हैं।
हाड़ौती क्षेत्र, जिसमें बारां, कोटा और झालावाड़ शामिल हैं, BJP का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। BJP की ओर से अभी तक इस पत्र पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। फिलहाल, अंता उपचुनाव की हार के बाद सिंघवी का बयान पार्टी की एकजुटता दिखाने की कोशिश लगता है, लेकिन पत्र आंतरिक कलह को दर्शाता है।
Published on:
17 Nov 2025 11:50 am
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