4 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अंता उपचुनाव में जीत के बाद प्रमोद जैन भाया ने हिंदी में ली शपथ, विधानसभा में बढ़ी कांग्रेस की ताकत

कांग्रेसी विधायक प्रमोद जैन भाया ने मंगलवार को शपथ ली। भाया के जुड़ने से अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या 67 हो गई है।

less than 1 minute read
Google source verification
Pramod Jain Bhaya, Pramod Jain Bhaya oath, Pramod Jain Bhaya swearing in, Anta by election, Anta by election result, Baran news, Rajasthan news
Play video

शपथ लेते प्रमोद जैन भाया। फोटो- पत्रिका

Pramod Jain Bhaya oath जयपुर। अंता विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव जीतकर आए कांग्रेस विधायक प्रमोद जैन भाया ने मंगलवार को विधानसभा में शपथ ली। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भाया को शपथ दिलवाई। भाया ने हिंदी भाषा में विधानसभा सदस्य पद की शपथ ग्रहण की। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कांग्रेस के कई विधायक और भाया के परिवार के सदस्य मौजूद रहे। भाया के शपथ लेने के साथ ही विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 67 हो गई है।

चौथी बार बने विधायक

उल्लेखनीय है कि 11 नवंबर को हुए अंता विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार भाया ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी मोरपाल सुमन को हराकर जीत दर्ज की थी। भाया चौथी बार विधायक बने हैं। इससे पहले वे 2003 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे और बाद में तीन बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में विधायक बने। वे मंत्री भी रह चुके हैं।

विपक्ष की भूमिका मजबूत

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाया जैसे तजुर्बेदार और तेजतर्रार नेता की वापसी से विधानसभा में विपक्ष की भूमिका मजबूत होगी। खनन माफिया, अवैध खनन और गो-संरक्षण कानून में बदलाव जैसे मुद्दों पर वे सरकार पर लगातार दबाव बनाने की स्थिति में रहेंगे। बारां-हाड़ौती क्षेत्र के विकास कार्यों की निगरानी और स्थानीय समस्याओं को मजबूती से उठाना भी उनकी अहम जिम्मेदारी होगी।

विधानसभा का मौजूदा गणित

कुल सीटें: 200
भाजपा एवं सहयोगी: 118 (बहुमत अभी भी सुरक्षित)
कांग्रेस: 66 (भाया के बाद 67)
अन्य (बसपा, BAP, RLD, निर्दलीय आदि)

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के अनुसार, आने वाले सत्रों में विपक्ष पहले से ज्यादा आक्रामक रुख अपनाएगा। वहीं, भाजपा इसे केवल एक सीट की जीत बताते हुए दावा कर रही है कि सरकार का बहुमत पूरी तरह सुरक्षित है।