Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो घंटे तक टंकी पर चढ़े रहे, प्रशासन की समझाइश पर माने

समरानियां कस्बा निवासी एक परिवार के चार सदस्य अपनी जमीन दबंगों के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए शहर में सिविल लाइन्स रोड स्थित पेयजल टंकी पर जा बैठे। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर समझाइश कर नीचे उतारा। इस दौरान पीडि़त परिवार करीब दो घंटे तक टंकी पर बैठा रहा।

less than 1 minute read
Google source verification

बारां

image

Mukesh Gaur

Nov 17, 2025

समरानियां कस्बा निवासी एक परिवार के चार सदस्य अपनी जमीन दबंगों के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए शहर में सिविल लाइन्स रोड स्थित पेयजल टंकी पर जा बैठे। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर समझाइश कर नीचे उतारा। इस दौरान पीडि़त परिवार करीब दो घंटे तक टंकी पर बैठा रहा।

source patrika photo

परिवार ने पानी की टंकी पर चढकऱ लगाई जमीन बचाने की गुहार

बारां. समरानियां कस्बा निवासी एक परिवार के चार सदस्य अपनी जमीन दबंगों के कब्जे से मुक्त करवाने के लिए शहर में सिविल लाइन्स रोड स्थित पेयजल टंकी पर जा बैठे। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पहुंचकर समझाइश कर नीचे उतारा। इस दौरान पीडि़त परिवार करीब दो घंटे तक टंकी पर बैठा रहा।

यह है मामला

तहसीलदार दशरथ मीणा ने बताया कि पीडि़त परिवार की समरानियां कस्बे के नारायणखेड़ा रोड पर करीब एक बीघा 10 विस्वा खाते की जमीन है। इसका शाहबाद एडीएम न्यायालय में केस चल रहा है। इस जमीन पर वहां के कुछ दबंगों ने कब्जा कर निर्माण शुरू कर दिया है। जिस पर से कब्जा हटाने जमीन वापस दिलाने की मांग को लेकर बुजुर्ग दंपती सहित उनकी बहू और बुजुर्ग व्यक्ति का भाई समेत कुल चार लोग बारां शहर के सिविल लाइन स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गए थे।

प्रशासन मौके पर पहुंचा

सूचना मिलने पर बारां एसडीएम विश्वजीत ङ्क्षसह, तहसीलदार दशरथ मीणा, डीएसपी ओमेंद्र शेखावत भी मौके पर पहुंचे परिवार जनों से समझाइश का प्रयास किया। लेकिन परिवार मौके पर कब्जा हटाने की मांग को लेकर पानी की टंकी से उतरने को राजी नहीं हुए। इस बीच शाहाबाद तहसीलदार ने कब्जा हटाने को लेकर आदेश भी जारी कर दिया, लेकिन फिर भी परिवार अभी भी मौके पर कब्जा हटवाने की बात पर अड़ा रहा तथा पानी की टंकी से नीचे नही उतरा। बाद में मौके पर पहुंचे एसडीम व तहसीलदार ने समझाइश कर नीचे उतारा। दोपहर 12 बजे टंकी पर चढ़ा परिवार करीब 2 घंटे तक टंकी पर बैठे रहने के बाद नीचे उतरा।