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पराली से प्रदूषण रोकने की पहल… अब फसल अवशेष से खाद बनाना सीखेंगे किसान, जाने कैसे

कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्य सचिव राजीव चावला की अध्यक्षता में एग्रीस्टैक स्कीम और फार्मर रजिस्ट्री को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को डिजिटल क्रॉप सर्वे में तेजी लाने और लापरवाही से बचने के सख्त निर्देश दिए।

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बरेली। कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को कर्नाटक के पूर्व मुख्य सचिव राजीव चावला की अध्यक्षता में एग्रीस्टैक स्कीम और फार्मर रजिस्ट्री को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को डिजिटल क्रॉप सर्वे में तेजी लाने और लापरवाही से बचने के सख्त निर्देश दिए।

राजीव चावला ने कहा कि शासन स्तर से इस योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, ऐसे में किसी भी अधिकारी की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब भी करीब 18 फीसदी किसान ऐसे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन डिजिटल क्रॉप सर्वे में नहीं हुआ है। इस पर उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को हिदायत दी कि शेष किसानों का पंजीकरण जल्द से जल्द पूरा किया जाए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि नगरीय क्षेत्र के लोगों को फार्मर रजिस्ट्री में शामिल न किया जाए।

पूर्व मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटल क्रॉप सर्वे में अंश निर्धारण का काम जहां अधूरा है, उसे 15 दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाए, ताकि शासन से मिले लक्ष्यों को शत-प्रतिशत हासिल किया जा सके। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्वे में लगे कर्मचारियों का भुगतान समय से और पूरी राशि के साथ किया जाए, ताकि काम की रफ्तार बनी रहे।

बैठक के बाद राजीव चावला ने फसल अवशेष प्रबंधन के तहत किसानों को जागरूक करने वाले प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन गांव-गांव जाकर किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान और उसके बेहतर उपयोग के तरीकों की जानकारी देगा। इस मौके पर कमिश्नर भूपेंद्र एस. चौधरी, जिलाधिकारी अविनाश सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन पूर्णिमा सिंह, सभी उपजिलाधिकारी और बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर व पीलीभीत के कृषि अधिकारी मौजूद रहे।


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