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बरेली में 50 से ज्यादा शत्रु संपत्तियां, अब होगा चिन्हीकरण, कब्जा मुक्त कराने व FIR की कार्रवाई तेज

योगी सरकार के सख्त तेवरों के बीच जिला प्रशासन ने शत्रु संपत्तियों को लेकर मोर्चा तेज कर दिया है। लेकिन नगर निगम की लापरवाही 50 से अधिक शत्रु संपत्तियों के चिन्हीकरण में सबसे बड़ा रोड़ा बनकर सामने आई है।

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बरेली। योगी सरकार के सख्त तेवरों के बीच जिला प्रशासन ने शत्रु संपत्तियों को लेकर मोर्चा तेज कर दिया है। लेकिन नगर निगम की लापरवाही 50 से अधिक शत्रु संपत्तियों के चिन्हीकरण में सबसे बड़ा रोड़ा बनकर सामने आई है। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई महत्वपूर्ण बैठक में यह बात साफ हुई कि निगम स्तर पर न तो कोई टीम बनाई गई और न ही संपत्तियों पर अमलदरामद की प्रक्रिया शुरू की गई।

अब सरकार के निर्देश हैं कि जहां कब्जा मिला, वहां तत्काल अतिक्रमण हटेगा, और अवैध कब्जाधारियों पर FIR दर्ज होगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शत्रु संपत्तियों को लेकर ढिलाई बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी।

212 शत्रु संपत्तियां, 50 पर निगम ने नहीं छुई फाइल तक

जिले में कुल 212 शत्रु संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें से 151 के वेस्टिंग ऑर्डर प्राप्त हो चुके हैं और 132 संपत्तियों का अमलदरामद शत्रु संपत्ति अभिरक्षक, भारत सरकार के नाम दर्ज भी कराया जा चुका है। लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत शहर सीमाओं में आने वाली 50 से अधिक संपत्तियों पर काम के ठप होने की है। 29 सितंबर को निगम को स्पष्ट आदेशों के साथ सूची जारी की।

कब्जा मिले तो कार्रवाई करो

लेकिन निगम ने न तो टीम बनायी और न ही संपत्तियों की लोकेशन फाइनल की। प्रभारी अधिकारी एडीएम सिटी सौरभ दूबे द्वारा भेजे गए पत्र भी निगम ने ठंडे बस्ते में डाल दिए।

सदर तहसील में सबसे अधिक 120 शत्रु संपत्तियां

तहसीलों में शत्रु संपत्तियों का वितरण

सदर — 120

आंवला — 72

बहेड़ी — 12

फरीदपुर — 4

नवाबगंज — 4

मीरगंज — एक भी नहीं

सदर क्षेत्र की अधिकांश संपत्तियां शहर की आबादी में आती हैं, इसलिए नगर निगम की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन वहीं सबसे अधिक लापरवाही भी सामने आई है।

कई संपत्तियों पर न्यायालयों में मामला लंबित

बहेड़ी क्षेत्र की 4 संपत्तियां बेनीपुर चौधरी गाँव से संबंधित हैं। प्रकरण राजस्व परिषद में लंबित होने के कारण लखनऊ कार्यालय से मार्गदर्शन मांगा गया है। 19 संपत्तियों में से 18 पर भी शत्रु संपत्ति अभिरक्षक से दिशा–निर्देश मांगे गए हैं।जिन संपत्तियों पर उच्च न्यायालय या अन्य न्यायालयों में विवाद लंबित है, उन सभी मामलों का विवरण भी भेजा जा चुका है।

बैठक में बड़ा संकेत—अब कार्रवाई तेज, निगम की ढिलाई नहीं चलेगी

बैठक के दौरान स्पष्ट संकेत मिला कि चिन्हीकरण न होने पर जिम्मेदार अफसरों की जवाबदेही तय होगी। कब्जा होने पर तत्काल पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटेगा। अतिक्रमणकर्ताओं पर FIR और राजस्व वसूली की कार्रवाई होगी। शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के नाम अमलदरामद की प्रक्रिया तेजी से होगी। इस दौरान एडीएम सिटी सौरभ दूबे, रजिस्ट्रार, पीडब्ल्यूडी इंजीनियर, तहसीलदार और शत्रु संपत्ति सर्वेक्षक प्रभात कुमार दुबे सहित सभी अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।